रायपुर । राजधानी में 2 सितंबर से दो नए फैमिली कोर्ट का गठन किया जा रहा है। विधि विधायी विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है, जिसमें दो अतिरिक्त फैमिली कोर्ट के गठन और उनके लिए दो जजों का सेटअप भी तय कर दिया गया है।
नए फैमिली कोर्ट की स्थापना:
छत्तीसगढ़ शासन के विधि विधायी विभाग के प्रिंसिपल सिक्रेटरी रजनीश श्रीवास्तव द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, रायपुर में तृतीय और चतुर्थ अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय की स्थापना की जा रही है। इन न्यायालयों में 2 सितंबर से पारिवारिक मामलों की सुनवाई शुरू होगी। इन कोर्ट्स में तलाक, ज्यूडिशल सिपरेशन, भरण पोषण, बच्चों की कस्टडी, और पति-पत्नी के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित मामलों की सुनवाई की जाएगी।
फैमिली कोर्ट की विशेषताएं:
नए कोर्ट्स की स्थापना का उद्देश्य पारिवारिक विवादों का त्वरित और न्यायपूर्ण निपटारा करना है। इन कोर्ट्स के जजों को पारिवारिक मामलों में समझौता करवाने और समाज के प्रति प्रतिबद्धता का अनुभव होना चाहिए।
परिवार न्यायालय अधिनियम, 1984 के तहत स्थापित इन न्यायालयों का मुख्य उद्देश्य परिवार में उत्पन्न होने वाले विवादों को समझौते के माध्यम से निपटाना और पक्षकारों को शीघ्र न्याय दिलाना है। जिन शहरों में फैमिली कोर्ट नहीं हैं, वहां इन मामलों को सिविल कोर्ट द्वारा सुना जाता है, लेकिन फैमिली कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया अलग और अधिक केंद्रित होती है।
नए जजों का कार्यक्षेत्र:
नए न्यायालयों के जजों को उनके कार्यक्षेत्र और अधिकार के बारे में भी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है। तृतीय और चतुर्थ अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश, रायपुर के राजस्व जिले के अंतर्गत आने वाले मामलों की सुनवाई करेंगे, जिन्हें प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय द्वारा हस्तांतरित किया जाएगा।
इस कदम से रायपुर में पारिवारिक विवादों के निपटारे की प्रक्रिया में तेजी आने की उम्मीद है, जिससे लोगों को त्वरित और प्रभावी न्याय मिल सकेगा।