गुना।
बस में लगी आग ने 13 जिंदगियों के साथ कई रिश्तों को भी खत्म कर दिया। बस में सवार ज्यादातर लोग गुना से अपने घर आरोन लौट रहे थे। परिजन उनका इंतजार कर रहे थे कि खबर आई बस में आग लग गई। अस्पताल के बाहर अपनों की तलाश में पहुंचे, मोबाइल में बार-बार उनके फोटो वहां मौजूद लोगों को दिखाते रहे, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।
गुना अस्पताल के बाहर रोते हुए एक बुजुर्ग महिला अपनी बेटी को याद कर रही थी। उन्होंने बताया कि बेटी को घर बुलाया था, वो इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। अस्पताल में सभी से पूछ लिया लेकिन वो मिल नहीं रही है ना ही उसके बारे में कोई कुछ बता पा रहा है। बुजुर्ग महिला के साथ आए स्वजनों की आंखों में से भी आंसू नहीं थम रहे।
11वीं कक्षा का छात्र सक्षम कुशवाह भी इसी बस में सवार था, जो प्रतिदिन कोचिंग के लिए गुना परिमाल चौहान से पढ़ने गुना आता था। बुधवार को भी कोचिंग पढ़ने के बाद सिकरवार बस से आरोन जा रहा था। लेकिन उसका अभी तक कोई पता नहीं चला है। उसके स्वजन जिला अस्पताल में उसका फोटो दिखाकर जानकारी ले रहे हैं। लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी नहीं लगी है।
बस हादसे में घायल हल्की बाई ओझा स्वजनों के साथ इसी बस में सवार थीं। उन्हें बुधवार को ही जमानत मिलने पर वापस अपने घर आरोन जा रही थीं। इस हादसे में उनके एक स्वजन की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। हल्की बाई व स्वजन को करीब तीन-चार दिन पहले शासकीय कार्य में बाधा के चलते जेल भेजा गया था।