

FIR दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए
मामला वर्ष 2023 का
रायगढ़।
जिला पुस्तकालय में सामग्री खरीदी के मामले में पूर्व डीईओ फंस गए हैं। अनुमति से अधिक राशि की मनमानी खरीदी करने के बाद भुगतान की प्रक्रिया अटक गई। सप्लायर ने जब अदालत में अपील की तो पूर्व कलेक्टर को पता चला। जांच की गई तो कई राज सामने आए। पूर्व डीईओ बी बाखला समेत दो अन्य कर्मचारियों को नोटिस जारी करते हुए एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए हैं। मामला वर्ष 2023 का है। जिला पुस्तकालय में रेनोवेशन के लिए फर्नीचर क्रय किया जाना था। जांजगीर की फर्म सिंघानिया ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज को ठेका दिया गया। नेशनल लाइब्रेरी मिशन कोलकाता से मिली राशि 44,64,099 लाख रुपए से खरीदी की जानी थी।
तत्कालीन डीईओ बी बाखला और अन्य कर्मचारियों ने मिलकर इसमें अनियमितता की। बताया जा रहा है कि इसके लिए विधिवत अनुमोदन नहीं लिया गया था। जानकारी मिली है कि करीब 74 लाख की सामग्री खरीद ली गई। इसकी कोई अनुमति नहीं मिली। डीएमएफ से भी कुछ राशि खर्च की गई। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल की पदस्थापना के बाद जब भुगतान के लिए फाइल आई तो उन्होंने जांच करवा दी। भुगतान रुकने की वजह से सप्लायर प्रमोद सिंघानिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
अदालत ने 9 जनवरी 2025 को आदेश दिया कि कलेक्टर इसका वेरीफिकेशन करें। 9 मई 2023 को जो भी क्रयादेश दिया गया था, उसके हिसाब से काम पूरा हुआ या नहीं। इसके बाद अविवादित भुगतान को 50 दिन के अंदर जारी करने का आदेश दिया है। पूर्व कलेक्टर ने इसकी जांच करवाई तो कई तरह की अनियमितताएं मिली। इसके बाद पूर्व डीईओ बी बाखला, पूर्व पुस्तकालय प्रभारी सुषमा कर्माकर और वर्तमान प्रभारी अशोक पटेल को नोटिस दिया गया है।
दर्ज होगी FIR
इस मामले में पूर्व कलेक्टर ने जांच करवाई थी। तब पता चला कि केवल नेशनल लाइब्रेरी मिशन ही नहीं बल्कि दूसरे मदों की राशि से भी खरीदी की गई है। इसका कोई अनुमोदन नहीं है। केवल मौखिक आधार पर ही खरीदी हो गई। सामग्री की गुणवत्ता और कीमत को लेकर भी सवाल उठे हैं। इसलिए एफआईआर कराने के निर्देश भी दिए गए हैं।