कोरबी-चोटिया (कोरबा )।
ग्रामीण क्षेत्रों और इससे लगे जंगल में हाथियों की लगातार मौजूदगी से दहशत कायम है। हाथियों की निगरानी कर उन्हें गांव की ओर आने से खदेड़ने के लिए वन कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है लेकिन निगरानी के दौरान जब ग्रामीण हाथियों को भगाने में लगे हैं तब उस वक्त वनकर्मी के द्वारा दायित्व निर्वहन को लेकर उठे सवाल के बीच जोरदार बहस हो गई। उक्त वन कर्मी हाथियों की मौजूदगी वाले स्थान से दूर अन्य साथियों और गांव की कुछ महिलाओं के साथ अलाव पर आग तापते हुए बगल में लेट कर आराम कर रहा था। इस बात पर गांव के युवकों ने एतराज जताया कि वे लोग जब हाथियों की निगरानी और खदेड़ने में लगे हैं तो वन कर्मियों को उनके साथ होना चाहिए लेकिन वह यहां आकर महिलाओं के पास आराम कर रहे हैं। वन कर्मी ने भी अपने हिसाब से जवाब देते हुए कहा कि 5 दिन से ड्यूटी कर रहा है लेकिन किसी ने उसके खाने-पीने की सुध नहीं ली। हालांकि ग्रामीण और वनकर्मी अपनी-अपनी जगह पर खुद को सही ठहरने में लगे रहे लेकिन जिस तरह से कर्तव्य निर्वहन को लेकर ग्रामीणों ने सवाल उठाया और वन कर्मी के द्वारा बहस के बीच गाली-गलौज की गई व धमकी दी गई, उससे माहौल गर्माया रहा। इसका वीडियो भी गांव के लोगों में वायरल हुआ है। ग्रामवासियों ने इस पर अपनी तीखी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया ग्रुप में देते हुए कहा है कि वन कर्मी इस तरह से ग्रामीणों के बीच अभद्रता और गाली- गलौच करेंगे तो यह बर्दाश्त के बाहर होगा।
बता दें कि इन दिनों कोरबा और एमसीबी जिला के मध्य सीमा क्षेत्र में पड़ने वाले ग्राम बेलकामार में करीब 50 हाथियों का 1 सप्ताह से डेरा है। कोरबा जिले के सीमांत भुलसीडीह और बेलकामार के मध्य हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में हैं और पारी-पारी से रतजगा कर रहे हैं।
जिला एमसीबी के अंतर्गत खड़गवां रेंज में पदस्थ वनरक्षक शिवराज सिंह एवं अन्य कर्मियों की हाथी प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी ड्यूटी लगाईं गई है। विगत दिनों 28 नवम्बर की रात करीब 9 बजे ग्राम बेलकामार में वन कर्मी शिवराज सिंह का ग्रामीण उदयभान सिंह, पिंटू जायसवाल एवं ग्रामीणों के साथ बहसबाजी हो गया जिसमें वनकर्मी के द्वारा गालियां देते हुए एवं धमकी देकर मारने-पीटने की बात करने के साथ-साथ अभद्र व्यवहार और हरकत किया गया। यह भी कहा गया कि मारने के बाद जो होगा, मैं निपट लूंगा। वनकर्मी द्वारा यहां उपस्थित महिलाओं के समक्ष ही गाली दी गई जिससे ग्रामीण लोग भड़क उठे। ग्रामीणों ने बताया कि उक्त वनकर्मी की यही आदत है और बात-बात पर विवाद करता रहता है। उपस्थित अन्य कर्मियों ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया।