पर्याप्त मात्रा में नहीं हो रहे खाद उपलब्ध, वितरण केंद्रों पर लगा किसानों का तांता
मुरैना
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय क्षेत्र में खाद के लिए किसान हो रहा है परेशान। किसान आधी रात्रि से ही खाद के लिए शासन द्वारा बनाए गए सेंटरों पर लाइन लगाकर खड़ा हो रहा है लेकिन अधिकारियों के दावे के बाद भी किसानों को नहीं मिल रहा है खाद। रबी सीजन की फसलों के लिए इस समय किसान को यूरिया व डीएपी दोनों तरह की खाद की बेहद ज्यादा जरूरत होती है। किसानों ने बताया कि खाद के लिए वह काफी लंबे समय से परेशान हो रहे हैं और कई किसानों ने तो यह बताया कि 4 दिन पहले खाद के लिए टोकन तो मिल गए हैं लेकिन खाद नहीं मिला है और खाद 28 तारीख को मिलेगा।
यही वजह है कि खाद वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी-लंबी कतारें दिखाई दे रहीं हैं, जहां कई किसान तो ऐसे हैं, जो दो से तीन दिन लगातार आकर लाइनों में लग रहे हैं लेकिन टोकन तक नहीं मिल पा रहा है। खाद वितरण केंद्र से भी इन किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। किसानों की माने तो उनका कहना है कि विधानसभा के चुनाव से पहले सरसों की फसल के लिए खाद समय पर मिला था लेकिन आलू और गेहूं की फसल को बोने के लिए खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। अधिकारियों द्वारा खाद के जो टोकन बांटे जा रहे हैं उसके चार दिन बाद खाद की बोरी दी जा रही है।
आलम यह है कि कई बार हंगामे की स्थिति होने पर पुलिस तक बुलानी पड़ रही है। दूसरी तरफ इन दोनों ही खाद का विकल्प बाजार में मौजूद है,जिसे नैनो यूरिया व डीएपी करते हैं। यह एक बोतल एक बोरे के बराबर होती है,लेकिन किसान जागरूकता के अभाव में अभी तक इस ओर रूख नहीं किया है। रबी सीजन के लिए डीएपी व यूरिया खाद की मारा मारी हर साल देखी जा रही है। कृषि उपज मंडी मुरैना से लेकर अंबाह,पोरसा,जौरा,कैलारस, सबलगढ़ तक के खाद वितरण केंद्रों पर लंबी कतारें देखीं गई। जहां किसानों को दो बोरे डीएपी और तीन बोरे यूरिया खाद के उपलब्ध कराए जा रहे थे। दोनों ही खाद रबी सीजन की फसल के बेहद महत्वपूर्ण है।