जशपुरनगर । महाराष्ट्र के जव्हार से आए कृषक ने आज जशपुर विकासखण्ड के बालाछापर स्थित ढेकी चावल, मिल्लेट्स कोदो, कुटकी एवं रागी प्रसंस्करण सेंटर के साथ-साथ डिहाइड्रेशन यूनिट, मंथन फ़ूड लैब, जिला संग्रहालय व जैविक खेती के ट्रेनिगं सेंटर का अवलोकन किया। वैदिक वाटिका द्वारा विभिन्न प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग तकनीक पर प्रशिक्षण भी दिया गया।
जय जंगल फार्मर्स प्रोड्यूसर कम्पनी की मास्टर ट्रेनर अनेश्वरी भगत ने अतिथि किसानों को बालाछापर में किए जा रहे ढेकी से देसी चावल एवं मोटे अनाज (मिल्लेट्स) प्रसंस्करण का प्रशिक्षण दिया। ढेकी से देसी चावल एवं मोटे अनाज (मिल्लेट्स) प्रसंस्करण को देखकर कृषक काफी उत्साहित हुए। जवाहर के आदिवासी किसान भरत तुकाराम खिरारी ने बताया की उन्हें ये तो पता था, की ढेकी चावल ज्यादा स्वादिस्ट होता है एवं ज्यादा फायदेमंद होता है पर जशपुर आकर उन्होंने पहली बार जाना की वैज्ञानक जांच के बाद इनमें सच में कई सो गुना ज्यादा पौष्टीकता होती है एवं इसका बहुत ज्यादा मांग बाजारों में है, वहीं महेश शंकर पवार ने कहा की हमारे यहाँ कोदो और कुटकी की पहले खेती होती थी, पर कुटाई की सुविधा एवं साधन नहीं होने से उसका खेती कोई नहीं करता, यहाँ आकर पता चला की बहुत आसानी से इसका प्रसंकरण कर इसको बाजार में बेचा जा सकता है। सभी कृषक इसके बाद मंथन फ़ूड लैब गए एवं वहां पर एनआरएलएम के जिला प्रमुख विजय शरण प्रसाद ने विस्तार से चर्चा करके विभिन पैकेजिंग उपकरण के कार्यपद्धति को बताया एवं खाद्य प्रसंस्करण से होने वाले फायदों के बारे में जानकारी दी।