परीक्षा छात्र के ज्ञान और क्षमता को दिखाने का माध्यम है-डॉ गुप्ता

कोरबा छत्तीसगढ़

तनाव को सफलता में बदलता है पीएम मोदी की परीक्षा पर चर्चा-दीपक

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में ‘ परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम का किया गया लाइव प्रसारण

विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का समाधान सुनकर लाभान्वित हुए विद्यार्थी

कक्षा 6 वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों ने परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के जीवंत प्रसारण का विद्यालय में उठाया लुत्फ

दीपका – कोरबा I
हर व्यक्ति के जीवन में परीक्षा देने का अवसर जरूर आता है और उस परीक्षा में वह व्यक्ति कितना सफल होता है और कितना असफल होता है यह उसकी काबिलियत और मेहनत पर निर्भर करता है । आज हम सभी को इस दुनिया में सफल होने के लिए हर जगह पर परीक्षा देनी पड़ती है। परीक्षाओं की धारणा बहुत पुरानी है। जीवन के लगभग हर क्षेत्र में हम परीक्षाओं का सामना करते हैं। परीक्षाएँ मौखिक या लिखित हो सकती हैं। हमलोग अपने विद्यालयों और महाविद्यालयों की परीक्षाओं में बैठते हैं। हमलोग अच्छी नौकरी पाने के लिए भी परीक्षाओं में बैठते हैं। जैसे-जैसे हम ऊँची कक्षाओं में पहुँचते हैं, परीक्षाओं की कठिनता का स्तर भी बढ़ जाता है। यह माना जाता है कि परीक्षाएँ किसी के ज्ञान और अनुभव की जाँच का माध्यम होती हैं।

परीक्षा के संबंध में दो प्रकार की धारणाएँ हैं। कुछ लोग विश्वास करते हैं कि परीक्षाएँ छात्रों के ज्ञान को जाँचने की सर्वश्रेष्ठ पद्धति हैं। परीक्षाओं के प्राप्तांक दर्शाते हैं कि किसी छात्र ने कितना सीखा है; उसने कितना प्रयास किया है। ये (परीक्षाएँ) यह भी दिखलाती हैं कि शिक्षक उचित ढंग से पढ़ाने में समर्थ रहे हैं या नहीं। परीक्षाएँ छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतियोगिता को प्रेरित करती हैं। वे अच्छे अंक पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। परीक्षाएँ छात्रों को अपने पाठ्यक्रम को सुव्यवस्थित करने में मदद करती हैं। किंतु, कुछ लोग विश्वास करते हैं कि परीक्षाएँ किसी की प्रतिभा को परखने की सही प्रणाली नहीं हैं। वे छात्रों के मस्तिष्क पर नकारात्मक दबाव डालती हैं। कुछ छात्र परीक्षाओं में अच्छे अंक पाने के लिए अनुचित तरीके अपनाते हैं। यह सच्ची प्रतिभा के प्रति अन्याय को बढ़ावा देता है। कुछ माता-पिता अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए अपने बच्चों पर बहुत दवाब डालते हैं। फलतः जो छात्र परीक्षा में अनुत्तीर्ण होते हैं, उनमें से कुछ कभी-कभी गलत कदम उठा लेते हैं। कुछ अपने घरों से भाग जाते हैं। उनमें से कुछ तो आत्महत्या भी कर लेते हैं।


दोनों मत आंशिक रूप से सही हैं। परीक्षाएँ सकारात्मक रूप से ली जानी चाहिए। उन्हें ज्ञान की जाँच करनी चाहिए। किंतु, उन्हें प्रतिभाजाँच का एकमात्र माध्यम नहीं बनना चाहिए। प्रत्येक छात्र एक दूसरे से भिन्न होता है। अतः उसकी व्यक्तिगत रुचि और योग्यता का भी ध्यान रखना चाहिए। अभिभावकों और शिक्षकों को छात्रों पर अनावश्यक दबाव नहीं डालना चाहिए। यदि परीक्षाएँ उचित ढंग से आयोजित की जाएँ, तो वे प्रभावशाली अध्ययन को बढ़ावा दे सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में सैकड़ो छात्र-छात्राओं ने प्रोजेक्टर के माध्यम से देखा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला महामंत्री पूर्व सांसद प्रतिनिधि भाजपा नेता दीपक जायसवाल इंडस स्कूल दीपका में छात्र-छात्राओं के बीच पहुंचे।

सर्वप्रथम दीपक जायसवाल का तिलक लगाकर एवं इंडस स्कूल का मोमेंटो भेंटकर स्वागत किया गया। इंडस पब्लिक स्कूल के प्राचार्य डॉ संजय गुप्ता के अगुवाई में आयोजित यह कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं की उत्सुकता देखते ही बनी। छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
विद्यालय में कक्षा 6वीं से लेकर 12वीं तक के बच्चों को परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण दिखाया गया। प्रधानमंत्री जी द्वारा दिए गए सुझाव को विद्यार्थियों ने ध्यान से सुना। विभिन्न राज्यों से आए हुए विद्यार्थियों ने भी विभिन्न रोचक सवाल पूछ कर अपनी प्रतिभा को इस लाइव प्रसारण के माध्यम से शांत करने का प्रयास किया ।उनके प्रश्नों का जवाब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया। जिसको सुनकर इंडस पब्लिक स्कूल दीपिका के विद्यार्थी लाभान्वित हुए।परीक्षा मैं चर्चा कार्यक्रम का सभी विद्यार्थियों ने शांतिपूर्वक लुत्फ उठाया।
कक्षा ग्यारहवीं कॉमर्स के विद्यार्थी आदित्य दुबे ने कहा कि श्री नरेंद्र मोदी जी के सकारात्मक जवाब को सुनकर वाकई हममें सकारात्मक का संचार हुआ है।
कक्षा 8 वीं की छात्रापायल सहारन ने कहा कि आज तक परीक्षा शब्द से मन में एक अजीब सा भय उत्पन्न हो जाता था लेकिन आज के कार्यक्रम से परीक्षा शब्द से भाई नहीं लग रहा है लेकिन आज इस कार्यक्रम से परीक्षा को एक उत्सव रूप में मनाने की प्रेरणा मिली।
कक्षा दसवीं के छात्र प्रियांशु देव ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन वाकई बहुत सकारात्मक रहा और परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम हम सभी विद्यार्थियों के लिए बहुत ही लाभप्रद रहा। हम आगामी बोर्ड परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करेंगे । हममें आत्मविश्वास का संचार हुआ और हम इसे आगे भी जारी रखेंगे।
शैक्षणिक प्रभारी श्री सब्यसाची सरकार सर ने कहा कि यदि हमें आगे बढ़ाना है तो जिंदगी की हर परीक्षा को आजमाना चाहिए।परीक्षा से हमें घबराना नहीं चाहिए बल्कि परीक्षा से दोस्ती करनी चाहिए। परीक्षा हमें स्वयं को परखने का अवसर देती है। हमें अपनी कमी कमजोरी दूर करने का अवसर मिलता है।सफल होने के लिए परीक्षा से सामना करना आवश्यक होता है।अतः परीक्षा से कभी न घबराएं।
इंडस पब्लिक स्कूल के वरिष्ठ शिक्षक श्री सुखेंदु सिंह राय ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्यार्थियों को प्रेरणा मिलती है और वास्तव में परीक्षा शब्द विद्यार्थियों के मन में एक भय उत्पन्न करता है जबकि ऐसे कार्यक्रम से उनका दूर होता है और वे परीक्षा को उत्सव के रूप में मनाते हैं। वे अपना बेहतर प्रदर्शन करते हैं।
विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने प्रेरक उद्बोधन में बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम की शुरुआत साल 2018 में की गई थी। उसके बाद से हर साल, कभी ऑनलाइन मोड में तो कभी ऑफलाइन मोड में इसका आयोजन किया जाता रहा है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है परीक्षार्थियों के तनाव को कम करना, उनमें आत्म विश्वास जगाना और परीक्षा के लिए उन्हें सहज बनाना।यह आत्मविश्वास बढ़ाने, परीक्षा आत्म-विश्लेषण कौशल विकसित करने, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और सीखने को प्रोत्साहित करने सहित कई लाभ प्रदान करता है। परीक्षाएँ छात्रों को अपने समय का प्रबंधन करना और भविष्य की चुनौतियों, जैसे कॉलेज और पेशेवर जीवन, के लिए तैयार रहना सिखाती हैं।
परीक्षा छात्र की सीखने की क्षमता का मूल्यांकन करती है । यह छात्रों के ज्ञान का विश्लेषण करने का एक प्रभावी तरीका है। यह इस बात का माप है कि वे कितना सीखते हैं और कितना अध्ययन में बाधा डालते हैं। परीक्षा आत्म-सुधार के लिए है। प्रधानमंत्री द्वारा बच्चों को सकारात्मक सुझाव देना वाकई उनके भविष्य के लिए लाभप्रद होगा। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम प्रत्येक विद्यार्थियों के जीवन के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
डॉ संजय गुप्ता ने सभी विद्यार्थियों को परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने हेतु अग्रिम शुभकामनाएं प्रेषित की।
कार्यक्रम में पहुंचे दीपक जायसवाल ने कहा कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा वार्षिक परीक्षाओं के समय तनावग्रस्त होने लगता है ।परीक्षा में अंक की चिंता बच्चों के भविष्य की चिंता और साथ ही पारिवारिक सामाजिक दबाव के चलते विद्यार्थियों और अभिभावकों को कई तनावपूर्ण स्थितियों का सामना करना पड़ता है। इस हेतु यह कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण है बच्चों पर मानसिक दबाव ना हो इसलिए यह जरूरी है। छात्र-छात्राओं को और आगे बढ़ाने शिक्षा के क्षेत्र में इस तरह के कार्य बेहद ही सराहनीय है पूरे विद्यालय परिवार को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के करोड़ों छात्र-छात्राओं से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के जरिए बातचीत किए। कार्यक्रम में दीपक जायसवाल के साथ पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि चंद्रपाल कंवर ने विद्यालय परिसर में वृक्षारोपण कर प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।