Monday, May 12, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

प्रत्येक कार्य कानून के दायरे में रहकर ही किया जाता है, – प्रधान जिला न्यायाधीश सत्येन्द्र कुमार साहू

माननीय सत्येन्द्र कुमार साहू, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा एवं कु. डिम्पल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बाल सम्प्रेक्षण गृह रिस्दी कोरबा का आकस्मिक निरीक्षण करते हुये बालको को विधिक जानकारी दिये जाने के प्रयोजनार्थ विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। 
मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश के द्वारा सरल शब्दों में बाल सुधार गृह के बालको को संबोधित करते हुये कहा गया कि यहाॅं हमारे लिये अच्छे से टेबल, लगाया गया है टेबल के उस पार आप लोग है और इस पार हम लोग एैसा क्यों ? ऐसा इसलिये कि हम लोगों ने अच्छे से मेहनत किया, अच्छी पढ़ाई लिखाई किये तभी हम लोग इस जगह पर है, आप लोग जाने-अनजाने में अपराध कर लिये है, जिसका यहाॅं पश्चाताप करिये और यहाॅं से निकलने के बाद खुब मेहनत किजिये मेहनत करके आप अच्छे से जिन्दगी जी सकते है। किसी भी व्यक्ति के बहकावें में न आये आप लोग कानून के बारे में जानते है अपराध करेंगे तो सजा अवश्य ही मिलेगी, अगर अपराध नहीं किये है तो आप बिल्कुल बच जायेंगे। कोई भी अपराध करता है उसको न्यायाधीश गवाहों के माध्यम से उसका परीक्षण करता है, उसके आधार पर नियमानुसार सजा का प्रावधान होता है, बाल सुधार गृह में आप अपने जीवन को जानने की कोशिश करें कि किस कारण से यहाॅं आये है। कानून की जानकारी रखना इसलिये आवश्यक होता है कि प्रत्येक कार्य कानून के दायरे में रहकर ही किया जाता है, कोई शादी करेगा तो वह भी विधि विधान से करेगा, पढ़ाई लिखाई कानून से होती है, हर कार्य कानून से चलता है जो कानून का उल्लघन करता है उसे सजा मिलती है।  जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष के द्वारा बाल सुधार गृह में निरूद्ध बच्चों को उनके खाने का समय, खाने में क्या -क्या मिलता है, बच्चों के पढ़ाई के लिये क्या उन्हें पुस्तक प्रदाय किया जाता है, तथा उनके आवासीय सुविधा की जानकारी लिया गया। 
 कु. डिम्पल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि बालकों के मौलिक अधिकार के विषय में संविधान में 6 वर्ष से 14 वर्ष तक के सभी बच्चों के लिये निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराये जाने का प्रावधान है।  14 वर्ष से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में सोचने समझने की क्षमता व्यस्क से कम होती है। 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को बीड़ी बनाना, सीमेंट कारखानों में सीमेंट बनाना, फटाखे या बारूद बनाना, एवं सिंलाई जैसे खतरनाक क्षेत्रो में बाल नहीं रख सकता है। उक्त कार्यक्रम में परियोजना अधिकारी महिला बाल विकास कोरबा पी.एल.व्ही. श्री भीमराम श्यामकुंवर, उपस्थित थे।

Popular Articles