Saturday, January 4, 2025

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रायपुर में 11 जनवरी को स्वामी विवेकानंद नेशनल प्रिंसिपल अवार्ड से नवाजे जाएंगे इंडस पब्लिक स्कूल, दीपका के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता

 विभिन्न नामचीन हस्तियों के कर कमलों से होंगे सम्मानित

डॉ¬. संजय गुप्ता-एक सफर, एक परिवर्तन,एक जुनून, एक उम्दा व्यक्तित्व और जीतने की जिद्द का  नाम

दीपक/कोरबा।

मनुष्य के जीवन में जितना महत्त्व भोजन, कपड़े, हवा और पानी का है, उससे कहीं अधिक महत्त्व शिक्षा का है इसीलिए हमेशा ये ही कहा जाता है कि शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य में ज्ञान का प्रसार होता है। इंसान की बुद्धि का विकास शिक्षा अर्जित करने से ही होता है। शिक्षा मानव जीवन की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है। शिक्षा न हो तो मनुष्य के जीवन की कल्पना भी मुश्किल है। शिक्षा ही हमें आगे कुछ करने के लिए आवश्यक होती है
नेतृत्व शब्द भले ही पढ़ने में आसान लगे परंतु इस शब्द का महत्व वही बता सकता है जिसने किसी जिम्मेदारी को बड़ी कुशलता से निभाया हो।यदि हमें नेतृत्व करने की जिम्मेदारी दी जाती है चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो तो हमारी सर्वप्रथम प्राथमिकता उसे पूरी ईमानदारी से वहां करने की होती है।ईश्वर हर किसी को इस गुण से नहीं नवाजता है। इतिहास गवाह है की जिसे भी यदि यह अवसर मिला और उसने यदि पूरी शिद्दत से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया तो ऐसे नेतृत्व कर्ताओं का नाम हमेशा के लिए याद किया जाता रहा है ।कुछ लोग हमेशा बड़ी तत्परता से काम करते दिखते हैं, पर गौर से देखने पर पता चलेगा कि जिस काम को एक घंटे में निपटाया जा सकता था, उसे बेकार में कई घंटों तक खींच रखा है। यदि आप अपनी काबिलियत का पूरा इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो अपने भीतरी माहौल को तनाव रहित एवं शांत रखना चाहिए। कोई काम करते समय पहले छूटे किसी और काम पर दिमाग भटक जाए, तो उस समय जो काम कर रहे हैं उसमें आपका पूरा लगाव नहीं होगा। इस तरह के बेमतलब के ख्यालों को जगह देंगे, तो वह आपकी तेजी को मंद करके आपकी काम करने की क्षमता को कम कर देगा।

रही बात विद्यालय जैसी पवित्र व चुनौतियों से भरे संस्था के नेतृत्व की तो इस कार्य को वही बखूबी कर सकता है जिसमें धैर्य, कुशलता, अनुभव, ज्ञान, जिम्मेदारी, ईमानदारी, सामंजस्य, अनुशासन तथा दूरदृष्टि जैसे गुण हों।

विद्यालय का संचालन एक ऐसा विशेष कार्य हैं जिसमें अथक परिश्रम एवं कुशल अनुभव की आवश्यकता होती है।विद्यालय में सभी कर्मचारियों के साथ तालमेल कायम रखते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए मार्ग प्रसस्त करने का कार्य केवल वही प्राचार्य कर सकता है जिसमें ज्ञान; अनुभव; धैर्य एवं प्रबंधकीय गुण मौजूद हों।

शिक्षा के क्षेत्र में अपना सर्वस्व न्योछावर कर स्कूल एवं विद्यार्थियो के उज्जवल भविष्य के कार्य करना विद्यालय* संचालक का परम दायित्व होता है। प्राचार्य जो अपने अनुभव एवं कार्य कुशलता से विद्यालय को तरक्की के राह पर ले जाता है।

ऐसे ही ऊर्जावान एवं कर्मठ व्यक्तित्व के धनी डॉ. संजय गुप्ता जो कि वर्तमान में इंडस पब्लिक स्कूल में प्राचार्य के रूप में अपनी सेवा दे रहें।

इस वर्ष एक सर्वोच्च मीडिया ग्रुप ‘ एक उपदेश’ द्वारा वर्ष 2025 हेतु शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान ,समर्पण एवं विशिष्ट प्रबंधन के कार्य तथा कुशल संस्था का संचालन करने के लिए डॉक्टर संजय गुप्ता को स्वामी विवेकानंद नेशनल प्रिंसिपल अवार्ड 2025 से सम्मांनित किया जा रहा है।
यह अवॉर्ड डॉक्टर संजय गुप्ता को आगामी 11 जनवरी2025 को बेबीलोन कैपिटल रायपुर में विभिन्न ख्यातिलब्ध महनीय व्यतित्वों की उपस्थिति में प्रदान किया जाएगा।
विगत 47 वर्षों से शिक्षा जगत को अपनी सेवा देते हुए डॉ. संजय गुप्ता (प्राचार्य-इंडस पब्लिक स्कूल दीपका) ने अपना सर्वस्व विद्यार्थियों के लिए समर्पित करते हुए इस मुकाम को हासिल किया है।
इस कार्यक्रम में विभिन्न लीडर, प्रोफेशनल, इनोवेटर्स, पॉलिटिशियंस जैसे ख्यातिलब्ध व नामचीन हस्ती मौजूद रहेंगे। सभी महान हस्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता को स्वामी विवेकानंद नेशनल प्रिंसिपल अवार्ड 2025 से विशेष समारोह में सम्मानित किया जाएगा।

गौरतलब है कि डॉक्टर संजय गुप्ता को यह उपलब्धि संपूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य में उनकी शिक्षा के क्षेत्र में नित नए प्रयोग,नवाचार, कुशल प्रबंधन, रचनात्मकता,संवाद शैली, बेहतर परीक्षा परिणाम,स्वच्छ विद्यालय वातावरण,पेरेंट्स सेटिस्फेक्शन,हैप्पी एनवायरनमेंट, सामाजिक सरोकार,जागरूकता,राष्ट्र के प्रति पूर्णतः समर्पित भावी पीढ़ी के निर्माण इत्यादि विभिन्न मापदंडों में खरा उतरने पर दी जा रही है। अभिव्यक्ति जाहिर करते हुए डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि  मैं  एक उपदेश मीडिया  एवं उसकी टीम को दिल से धन्यवाद देता हुँ। विद्यालय का संचालन एवं बच्चों के भविष्य निर्माण हेतु अथवा नये आवाम तलाशना निःसंदेह काफी कठिन कार्य है। परंतु मैं अपनी पूरी निष्ठा एवं लगन से इस कार्य में लगा रहुँगा। मेरी जिंदगी का एक ही उद्देश्य है सीखना एवं सिखाना एवं विद्यार्थियों को सतत रूप से आगे बढ़ने हेतु प्रेरित करना। आजीवन जनसामान्य हेतु तथा विद्यालय के बच्चों सहित कार्यरत प्रत्येक कर्मचारी हेतु समर्पण भाव से कार्य करता रहूंगा।संस्था के संचालन में आने वाली प्रत्येक चुनौतियों के लिए भी तैयार रहूंगा तथा बेहतर से भी बेहतर करने की कोशिश करता रहूंगा।
डॉ. संजय गुप्ता को स्वामी विवेकानंद नेशनल प्रिंसिपल अवार्ड प्राप्त होने की सूचना पर इंडस विद्यालय परिवार अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रहा है।इससे पहले भी डॉ. संजय गुप्ता विभिन्न सम्मान से नवाजे गए हैं। साथ ही अनेक सामाजिक संस्थाओं द्वारा हर वर्ष समाज एवं शिक्षा के क्षेत्र में डॉ. संजय गुप्ता को सम्मानित किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी लोगों को दिन में केवल चौबीस घंटे मिले हैं। इतने समय के अंदर क्या कर सकते हैं और क्या नहीं, इसकी क्षमता हर इंसान में अलग होती है। आपका शरीर, मन और ऊर्जा किस हद तक एक साथ मिलकर काम करते हैं इसके आधार पर ही यह बात तय हो सकती है कि आपसे कितना काम संभव है। तीनों में तालमेल न होने पर आपको चाहे जितना समय मिले, काफी नहीं होगा।समय बीत जाने के बाद किए जाने वाले अनेक काम निरर्थक(बेमतलब) हो जाते हैं। यह अहम नहीं है कि आप कितने घंटे काम करते हैं। उतने घंटों में आप कितनी देर अपनी क्षमता का पूरी तरह से इस्तेमाल करते हुए काम करते हैं, यही आपकी कामयाबी को तय करता है।

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