बिलासपुर । कमिश्नर महादेव कावरे की अध्यक्षता में संभागीय जल उपयोगिता समिति की बैठक हुई। बैठक में जलाशयों में जल भराव की स्थिति, सिंचाई लक्ष्य निर्धारण एवं खाद,बीज तथा कीटनाशकों की उपलब्धता की समीक्षा की गई। नियमित अंतराल पर और पर्याप्त बारिश होने के कारण इस साल अब तक सिंचाई के लिए पानी की मांग नहीं आई है। संभागायुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में विधायक धरमजीत सिंह, प्रणव कुमार मरपच्ची, कलेक्टर अवनीश शरण सहित सिंचाई एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। संभाग के अन्य जिलों के विधायक एवं अधिकारी वीसी के जरिए बैठक में हिस्सा लिया।
बैठक में जल संसाधन विभाग के सीई जेआर भगत ने जलाशयों की जलधारण क्षमता और उपलब्धता का विवरण दिया। उन्होंने बताया कि खरीफ फसलों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के हिसाब से जलाशयों का डिजाईन किया गया है। शासन के निर्देशानुसार इन जलाशयों में उपलब्ध जल का इस्तेमाल प्राथमिकता के क्रम में पेयजल, सिंचाई एवं निस्तारी के लिए किया जाना है। उन्होंने बताया कि जिले में पांच बड़े सिंचाई परियोजना हैं। इनमें तीन- मिनीमाता बांगो, खारंग और मनियारी जलाशय पूर्ण और भैंसाझार एवं केलों परियोजना निर्माणाधीन हैं। बांगो बांध में वर्तमान में क्षमता का 89 प्रतिशत, खारंग जलाशय में 95 प्रतिशत और मनियारी जलाशय 100 प्रतिशत जलभराव है। अरपा भैंसाझार में 54 प्रतिशत और केलो जलाशय में 87 प्रतिशत जल भरा हुआ है। छह मध्यम सिंचाई जलाशयों में 91 प्रतिशत तथा 512 लघु सिंचाई जलाशयों में 77 प्रतिशत जल भरा हुआ है। कृषि विभाग के संयुक्त संचालक एमके चौहान ने बैठक में बताया कि इस साल खाद-बीज की कोई कमी नहीं आई। खाद-बीज की गुणवत्ता परीक्षण में खाद के 10 नमूने और बीज के 33 नमूने अमानक पाये गये, जिन्हें विक्रय के लिए प्रतिबंधित किया गया। बैठक में जल संसाधन विभाग के सीई कछार जेआर भगत, बांगो सीई डीके बुमेरकर, संयुक्त संचालक कृषि एमके चौहान, विधायक मस्तुरी प्रतिनिधि संतोष दुबे सहित अधिकारी गण उपस्थित थे।