आचार संहिता के संबंध में जिला स्तरीय अधिकारियों को मिला प्रशिक्षण

छत्तीसगढ़ महासमुंद

महासमुन्द । लोकसभा  निर्वाचन 2024 को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष ढंग से सम्पन्न कराने हेतु कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रभात मलिक ने आदर्श आचार संहिता के संबंध में चारों विधानसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर, समस्त तहसीलदार, नायब तहसीलदार, जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी एवं  सभी जिला स्तरीय  अधिकारियों के प्रशिक्षण में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही 24 घंटे, 48 घंटे, 72 घंटे के भीतर की जाने वाली संपत्ति विरूपण की कार्रवाई के बारे में दिशा निर्देश दिए। प्रशिक्षण में उप जिला निर्वाचन अधिकारी निर्भय साहू, अपर कलेक्टर रवि साहू, संयुक्त कलेक्टर श्रवण कुमार टंडन,एसडीम उमेश साहू, डिप्टी कलेक्टर आशीष कर्मा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रशिक्षण में कलेक्टर ने कहा कि सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करेंगे। अपने आचार और व्यवहार से निष्पक्ष रहना होगा और निष्पक्ष दिखना भी होगा। उन्होंने कहा कि अपने सोशल मीडिया एकाउंट में भी राजनीतिक अभिव्यक्ति और टिप्पणी से बचें। उन्होंने कहा कि अपने कार्यालयों में सभी चित्रात्मक कैलेण्डर जिसमें राजनीतिज्ञ की फोटो हो आदर्श आचार संहिता लगते ही हटा देना है। कोई भी नया कार्य  प्रारम्भ न करें। साथ ही  सभी तरह के नियंत्रण कक्ष  का संचालन  प्रारंभ हो जाए।

प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर तोषण गिरी गोस्वामी ने बताया कि शासकीय सम्पत्ति शासकीय कार्यालय से राजनैतिक संबद्धता के सभी विज्ञापन, बैनर पोस्टर, फ्लैक्सी, दीवार लेखन राजनैतिक व्यक्तियों के फोटो आदि 24 घण्टे के भीतर हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसी प्रकार सार्वजनिक स्थल जैसे-रेल्वे स्टेशन, बस स्टॉप, सडक, पुल के किनारे सरकारी खर्च पर लगाए गए होर्डिंग, राजनैतिक विज्ञापन, राजनीति में सक्रिय व्यक्तियों के चित्र, संदेश वाले विज्ञापन, बिजली के खंभों एवं वृक्षों पर लगाए गए बैनर, पोस्टरों को 48 घंटे के भीतर हटाया जाएगा। निजी घरों में किये गए दीवार लेखन, राजनैतिक विज्ञापन को 72 घंटे के भीतर हटाने की कार्रवाई की जाएगी। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा समस्त अधिकारियों को अभी से ऐसे स्थानों का चिन्हित कर योजना बनाकर टीम का गठन करने के निर्देश दिये गए। जिससे समय सीमा के भीतर सम्पत्ति विरूपण की कार्यवाही की जा सके।

इस कार्य के लिए मैदानी अधिकारी प्रत्येक गांव, प्रत्येक वार्ड का दौरा कर पंजी संधारण करके रखें कि किन-किन स्थानों से सम्पत्ति विरूपण की कार्यवाही की जानी है। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिये की 72 घंटे के बाद जिले के सभी स्थानों से इस प्रकार के सम्पत्ति विरूपण दिखाई नहीं देना चाहिए। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही केंद्र अथवा राज्य के सरकारी उपक्रम, स्थानीय निकाय में राजनैतिक पदाधिकारियों को दी गयी शासकीय वाहन वापस लिये जायेंगे। शासकीय वाहन का दुरुपयोग नहीं होगा।

किसी भी प्रकार का शिलान्यास, भूमिपूजन अथवा टेंडर जारी नहीं होगी। सरकारी खर्च पर सरकार की उपलब्धि संबंधी विज्ञापन जारी नहीं होगें। ऐसे विज्ञापन के प्रसारण पर तत्काल रोक रहेगी। आदर्श आचार संहिता लगते ही निर्वाचन व्यय की निगरानी करने वाली समितियां तत्काल सक्रिय हो जाएगी और पूरे चुनाव के दौरान जिला स्तर पर 24×7 नियंत्रण कक्ष तत्काल सक्रिय हो जाएगा। शिकायत प्रकोष्ठ तत्काल कार्य करना प्रारम्भ कर देंगी। आदर्श आचार संहिता लागू होते ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में कोई भी विज्ञापन बिना पूर्व प्रमाणन के प्रसारित नहीं होंगे। सभी अधिकारियों को निर्वाचन अवधि में प्रतिदिन सम्पत्ति विरूपण रोकथाम की जानकारी समय 4 बजे तक अनिवार्य रूप से जिला निर्वाचन कार्यालय को देने के निर्देश दिये गए।