कोरबा।
कुसमुंडा क्षेत्र के भू-विस्थापित किसान नियमित रोजगार देने की मांग पर एसईसीएल के कुसमुंडा मुख्यालय के सामने 1 जनवरी को जंगी प्रदर्शन करेंगे। कुसमुंडा महाप्रबंधक को ज्ञापन सौंपकर आंदोलन की चेतावनी किसान और भू विस्थापित संगठन ने दी है।
उल्लेखनीय है कि भूविस्थापितों को नियमित रोजगार देने की मांग पर 789 दिन से किसान सभा के नेतृत्व में भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के बेनर तले अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। इस बीच कई बार खदान बंदी भी की गई और आंदोलनकारी गिरफ्तार भी किये गए हैं। एसईसीएल प्रबंधन ने कई बार भू विस्थापितों को रोजगार देने का लिखित वादा भी किया था, लेकिन इसमें कभी एसईसीएल ने वायदा पूरा करने का काम नहीं किया।
छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेता प्रशांत झा,दीपक साहू और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ के रेशम यादव,दामोदर श्याम, रघु ने कहा कि इस क्षेत्र में वर्ष 1978-2004 के मध्य भूमि का अधिग्रहण किया गया है, इसलिए तब की पुनर्वास नीति के तहत रोजगार देने की उनकी मांग जायज है, उनका कहना है कि यदि एसईसीएल ने उन्हें समय पर रोजगार नहीं दिया है, तो इसके लिए प्रबंधन जिम्मेदार है, न कि भूविस्थापित किसान। इसलिए पुरानी नीति से मुआवजा और नई नीति से रोजगार की एसईसीएल की पेशकश आंदोलनकारियों को स्वीकार नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि एसईसीएल प्रबंधन भू विस्थापितों को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन भू विस्थापित जमीन के बदले रोजगार मिलने तक संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि विस्थापितों को सम्मानजनक जीवन और पुनर्वास प्रदान करना एसईसीएल और सरकार की जिम्मेदारी है, इसलिए वह सभी भू विस्थापित परिवारों के एक-एक सदस्य को रोजगार देने की प्रक्रिया जल्द पूरी करे।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न मना रही होगी, तब कुसमुंडा के भू-विस्थापित किसान अपने परिवार के साथ अपनी जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर एसईसीएल कुसमुंडा मुख्यालय के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे।
789 वें दिन धरना प्रदर्शन में प्रमुख रूप से बृजमोहन,जय कौशिक, सनत,दीनानाथ, अनिल बिंझवार,मोहन यादव, हरिहर पटेल,उत्तम दास,माणिक दास,होरी,फणींद्र,हेमलाल,नरेंद्र, गोरे लाल,जितेंद्र,अनिरुद्ध,विजय, रामखिलावन, कृष्णा,चंद्र शेखर,रवि कांत,गणेश राम, डुमन, उपस्थित थे।