आश्वासन के बाद भी एसईसीएल ने नहीं की मांगे पूरी, प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीण हुए लामबंद

छत्तीसगढ़

  • कलेक्टर व एसईसीएल प्रबंधन को प्रभावित ग्रामीणों ने सौपा ज्ञापन, ग्रामीण 15 जनवरी से करेंगे अनिश्चितकालीन हड़ताल
  • बरौद-रायगढ़।

रायगढ़ जिले के ग्राम बरौद स्थित एसईसीएल विस्थापित परिवार तथा पंचायत पदाधिकारी और सैकड़ो की संख्या में ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट और एसईसीएल दफ्तर पहुंचे जमकर नारेबाजी प्रदर्शन करते हुए मांगे पूरी नहीं होने पर 15 जनवरी सोमवार को आंदोलन करने की चेतावनी दी है ।
प्रभावितों द्वारा ज्ञापन में विस्थापित परिवारों के विस्थापन लाभ तीन लाख के बढ़ोतरी करने की मांग लंबे समय से कर रहे थे जिसको लेकर बरौद खुली खदान में ग्रामीणों द्वारा दिनांक 6 जुलाई को खदानबंदी कर आंदोलन किया था इस दौरान आंदोलन के बीच तहसीलदार घरघोड़ा के समक्ष एसईसीएल के महाप्रबंधक प्रतिनिधि रायगढ़ के साथ त्रिपक्षीय लिखित समझौता हुआ कि विस्थापन लाभ बढ़ोतरी तीन लाख से दस लाख बढ़ोतरी ग्रामीणों का प्रस्ताव एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर अनुमोदन हेतु भेजा जाएगा किंतु आज पर्यंत तक इसमें कोई सुनवाई नहीं हुई विस्थापन लाभ दस लाख का मुद्दा नीतिगत मामला है जिसका अनुमोदन का अधिकार एसईसीएल निदेशक मंडल का है ।


प्रभावित ग्रामीण आश्वासन पर की जिसे यथाशीघ्र पूर्ण करने का प्रयास किया जाएगा का आश्वासन दिया गया था इसी सहमति के आधार पर ग्रामीणों द्वारा आंदोलन को स्थगित किया गया था जिस पर ग्रामीणों द्वारा विशेष ग्राम सभा कर पंचायत प्रस्ताव सहित विस्थापन लाभ बढ़ोत्तरी हेतु एसईसीएल कोरबा जिले के संचालित परियोजना गेवरा दीपका कुसमुंडा क्षेत्र के आधार पर दस लाख तथा अतिरिक्त पारितोषिक/प्रोत्साहित राशि का पांच लाख का विशेष पंचायत प्रस्ताव पारित कर प्रेषित किया गया था और प्रबंधन को तीन-चार महीने का समय दिया गया था जो पांच महीने से भी अधिक हो चुका है लेकिन एसईसीएल प्रबंधन के द्वारा ग्रामीणों के पक्ष में सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है जिससे ग्रामीणों में भयंकर नाराजगी व्याप्त है प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन को वादा याद दिलाकर आंदोलन का अल्टीमेटम दिया है ।