बिलासपुर । उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज कोनी स्थित आदर्श आईटीआई का निरीक्षण किया। एशिया महाद्वीप के प्रथम आईटीआई होने का गौरव इस संस्थान को हासिल है। ब्रिटिश शासन के दौरान वर्ष 1939-40 में इसकी स्थापना की गई थी। वर्तमान में लगभग 1200 विद्यार्थी इसमें विभिन्न प्रकार के 33 ट्रेडों में पढ़ाई कर रहे हैं। शर्मा ने विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण कर पढ़ाई कर रहे बच्चों से बातचीत की। उन्होंने इस संस्थान के विकास को लेकर अधिकारियों की बैठक भी ली। जनप्रतिनिधियों से सलाह लेकर इस प्राचीन संस्थान की गरिमा को पुनःस्थापित करने के लिए एक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी दिए। विधायक सुशांत शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष अरूण सिंह चौहान एवं कलेक्टर अवनीश शरण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री व तकनीकी शिक्षा विभाग के भारसाधक मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि बच्चों की सुविधा के लिए एक और हॉस्टल बनाये जाने की जरूरत है। फिलहाल केवल सवा सौ छात्र-छात्राओं के लिए दो हॉस्टल सुविधा है, जो कि अपर्याप्त है। उन्होंने संचालित इन दोनों छात्रावासों में मेस सुविधा भी शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने समय की मांग के अनुरूप नये ट्रेड्स खोलने की जरूरत भी बताई। जिन ट्रेड्ों में रोजगार एवं नौकरी की संभावनाएं बंद हो गई हैं, उन्हें बंद करने का प्रस्ताव भी संचालनालय भेजने को कहा। आईटीआई वर्तमान में 60 एकड़ भूमि पर पसरा हुआ है। इसके सामने के कुछ हिस्से को व्यावसायिक उद्देश्य के लिए परिवर्तित कर संस्थान की आमदनी बढ़ाई जा सकती है।
डिप्टी सीएम शर्मा ने कहा कि चूंकि यह एशिया की सबसे पहली आईटीआई के रूप में पहचान रखती है। इसलिए इसे हैरिटैज बिल्डिंग के रूप में संरक्षित रखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने संस्थान के परिसर की साफ-सफाई करने के निर्देश भी दिए। प्राचार्य अरूण कुमार सिंह ने संस्थान की गतिविधियों एवं जरूरतों के संबंध में मंत्री जी को ज्ञापन भी दिया। इस अवसर पर भूपेन्द्र सवन्नी, रामदेव कुमावत, संयुक्त संचालक सोनी सहित अन्य अधिकारी व जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।