Sunday, May 11, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

गर्मी बढ़ते ही बढ़ी देसी फ्रिज की मांग

कोरबा //
सूरज की तपिश जैसे-जैसे बढ़ रही है, जिला मुख्यालय सहित उप नगरीय क्षेत्रों में वैसे-वैसे परंपरागत ठंडक के साधन-मिट्टी के मटके (देशी फ्रिज ) एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। बाजारों में इन देसी फ्रिजों की मांग तेजी से बढ़ रही है। दैनिक बाजार हो या हफ्ते में लगने वाले साप्ताहिक बाजारों में मिट्टी के मटकों की बहार देखने को मिल रही है। अलग-अलग आकार और डिजाइनों में सजे मटके न केवल ग्राहकों का ध्यान खींच रहे हैं, बल्कि इससे कुम्हारों के चेहरों पर भी रौनक लौट आई है।
गर्मी की शुरुआत के साथ ही कुम्हारों ने मटकों का निर्माण कार्य शुरू कर दिया था। अब वे अपने बनाए हुए मटकों को बाजार में लेकर आ रहे हैं, जहां खरीदारों की भीड़ लगी रहती है। इस बार मटकों की कीमतों में भी बीते सालों के मुकाबले बढ़ोतरी देखी जा रही है। सामान्य मटके जहां 100 रुपए में बिक रहे हैं, वहीं आकर्षक डिजाइनों वाले मटके 150-200 रुपए तक पहुंच गए हैं।
खास बात यह है कि इन डिजाइनर मटकों की ओर महिलाओं का खास झुकाव देखा जा रहा है। कई महिलाएं इन्हें घर की सजावट का हिस्सा भी बना रही हैं। कई ग्रामीण लोग अब सीधे कुम्हारों के घर जाकर मटके खरीदने लगे हैं। इससे कुम्हारों को न केवल आर्थिक राहत मिली है, बल्कि उन्हें अपने परंपरागत काम में फिर से विश्वास भी जगा है। मिट्टी के मटके में पानी पीने के लाभ आज भले ही अधिकतर घरों में आधुनिक फ्रिज मौजूद हों, परंतु गर्मी के मौसम में मिट्टी के मटके का पानी पीने का चलन अब भी बना हुआ है। इसके पीछे सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि स्वास्थ्य संबंधी कई कारण भी हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, मटके की मिट्टी पानी को प्राकृतिक रूप से ठंडा करती है। इसकी दीवारें पानी में मौजूद कुछ अशुद्धियों को भी सोख लेती हैं, जिससे पानी अधिक शुद्ध और ताजगीभरा बनता है। मटके में रखा पानी दो दिन तक ताजा बना रहता है और शरीर को आवश्यक ठंडक देता है, जो इस भीषण गर्मी में राहत का काम करता है।

Popular Articles