ऊर्जानगरी के प्रसिध्द ख्यातिलब्ध शिक्षाविद डॉ. संजय गुप्ता शिक्षा के क्षेत्र में नित नए-नए आयाम हासिल करते जा रहे हैं । स्पष्ट वक्ता, कुशल मार्गदर्शक, बेबाक राय से क्षेत्र के विभिन्न विद्यार्थियों की शिक्षा से संबंधित विभिन्न समस्या या फिर अभिभावकों का बच्चों के कैरियर या बुरी आदत की लत की समस्या का निराकरण किया हैं ।
डॉ. संजय गुप्ता से विद्यार्थियों एवं अभिभावकों द्वारा पुछा गया महत्वपूर्ण सवाल इस प्रकार है आप भी अपनी किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं तो बेझिझक संजय गुप्ता से पुछ सकते हैं सवाल आपका सवाल प्रत्येक सप्ताह के रविवार के दिन प्रकाशित होगा ।
- सवाल: परीक्षा के आते ही टेंशन बढ़ जाती है। आंकड़े कैसे याद करें? राजीव मिश्रा, बिलासपुर
जवाब: साइंस विषयों को समझने की जरूरत होती है। केमिस्ट्री व गणित के फार्मूलों को समझ कर याद करें। लिखकर बार-बार प्रेक्टिस करें। - सवाल:परीक्षा में समय का प्रबंधन कैसे करें? सुरेश वर्मा, रतनपुर
जवाब: परीक्षा देते समय जरूरी है कि हर प्रश्न के लिए समय पहले से बांट लें। यदि कोई प्रश्न समझ में नहीं आ रहा हो या समय ज्यादा लग रहा हो तो उसे छोड़कर दूसरे प्रश्न करें, उसे बाद में समय मिलने पर करें। एक ही प्रश्न पर अटके रहना ठीक नहीं। 3. सवाल: टीचर्स व अभिभावक अपनी इच्छा बच्चों पर थोपते हैं, कहां तक उचित है? नंदिता कँवर, चाम्पा
जवाब: टीचर्स के साथ-साथ अभिभावकों को बच्चे की क्षमता व रुचि का ध्यान रखना चाहिए। बच्चों को भी अभिभावकों को अपनी रुचि के बारे में बताना चाहिए। अक्सर माता-पिता अनुभवी होने के नाते बच्चों को सही सलाह देते हैं। इसलिए उनकी बात को पूरी तरह से नकारना नहीं चाहिए।
4 . सवाल: मैं टीचर हूं। क्लास में कई बच्चे गणित में कमजोर हैं। उन्हें कैसे पढ़ाना चाहिए? रामदयाल, दीपका
जवाब: बच्चों को अक्सर गणित से डर लगता है। उन्हें पहाड़े अच्छी तरह से याद कराएं। साथ ही फार्मूले भी हर रोज दोहरवाएं। इसके अलावा कक्षा में सवाल हल कराने के बाद वैसे ही कई सवाल होमवर्क के लिए भी दें। अभ्यास करने से बच्चों की तैयारी मजबूत होगी और मन से डर निकल जाएगा। - सवाल: परीक्षा ठीक नहीं होती तो जबर्दस्त तनाव हो जाता है। क्या करें? प्रशांत दुबे, कोरबा
जवाब: पहले तो यह आकलन करें कि परीक्षा ठीक न होने की वजह कहीं तैयारी में कमी तो नहीं। तैयारी अच्छी तरह से होगी तो परीक्षा खराब होने की संभावना ही नहीं रहेगी। खासतौर पर प्रतियोगी परीक्षा में कॉम्पटीशन जबर्दस्त होता है। इसलिए तैयारी पर विशेष ध्यान दें। परीक्षा में जिस विषय में कमजोर रह गए हों उस पर अधिक ध्यान दें। परेशान होने की जरूरत नहीं। - सवाल: बेटे ने इंटर किया है, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है। मुझे क्या करना चाहिए? धीरेंद्र शुक्ला
जवाब: बच्चे को प्रेरित करें। उसके साथ समय व्यतीत करें और उसकी तैयारी पर चर्चा करें। जिस विषय में कठिनाई महसूस करता हो, उसके लिए समय ज्यादा देने की सलाह दें। - सवाल: अंग्रेजी की तैयारी करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? संजीव श्रीवास्तव, जांजगीर
जवाब: अंग्रेजी व हिंदी में लिखने का अभ्यास जरूरी है। लेखन क्षमता बेहतर करने के लिए समाचार पत्र व मैगजीन पढ़ें। ऐसे शब्द जिनका अर्थ नहीं पता उनका अर्थ शब्दकोष में देखें और डायरी में लिखकर दोहराते रहें। इससे शब्दों की जानकारी बढ़ेगी और लेखन क्षमता भी सुधरेगी। - सवाल: बच्चा बीमार था, स्कूल नहीं जा सका। परीक्षा की तैयारी कैसे कराएं? राहुल कैवर्त, हरदीबाजार
जवाब: टीचर से मिल कर नोट्स ले लेंं। महत्वपूर्ण पाठ याद करा दें। घंटों का हिसाब न करें लगातार बच्चा नहीं पढ़ सकता है। - सवाल: बच्चा दसवीं में है। उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता। किक्रेट खेलता रहता है, क्या करें? ललित मोहन, पाली
जवाब: बच्चे की क्रिकेट में रुचि है तो उस पर दबाव न डालें। उसे ओपेन स्कूल से पढ़ाई कराएं। हो सकता है कि उसका भविष्य क्रिकेट में ही हो। - सवाल: फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स से स्नातक किया है। कन्फ्यूज हूं कि आगे क्या करूं? नवीन, अंबिकापुर
जवाब: यह आपको तय करना है कि आप आगे क्या करना चाहते हैं। यह तय करने के बाद ही तैयारी शुरू करें। बैंकिंग, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर साइंस आदि में संभावनाएं हैं। आप टीचिंग भी कर सकते हैं।