बीजापुर । मानव अधिकार दिवस पर 10 दिसम्बर को बीजापुर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। ताजुद्दीन आसिफ, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बीजापुर एवं अध्यक्ष, तालुका विधि सेवा समिति बीजापुर ने केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 229 बटालियन के सुनील कुमार मिश्रा, उप महानिरीक्षक के सहयोग से 229 बटालियन के अधिकारी व जवानों को मानव अधिकार दिवस पर संबोधित किया।
ताजुद्दीन आसिफ ने मानव अधिकार दिवस के संबंध में बताया कि प्रत्येक वर्ष 10 दिसम्बर को मानव अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस घोषणा को वर्ष 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानव अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण के महत्व को समझने के लिए सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत किया गया था। मानव अधिकार इंसान को जन्म से ही प्राप्त है, मानव अधिकार वे मूलभूत अधिकार है जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। मानव अधिकार दिवस मनाने का मकसद लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है, मानवाधिकार में स्वास्थ्य, आर्थिक, सामाजिक और शिक्षा का भी अधिकार शामिल है।
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल की 229 बटालियन के जवानों को जिला बीजापुर एक नक्सल प्रभावित आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने से नक्सली घटनाओं में पीड़ित आम जनता के संबंध में उनके मानव अधिकार के हनन की रोकथाम करने हेतु विशेष रूप से प्रोत्साहित किया गया। मानव अधिकार दिवस का महत्व बताने के उपरान्त ताजुद्दीन आसिफ ने उपस्थित अधिकारियों एवं जवानों द्वारा पूछे गये प्रश्नों का भी जवाब दिया। मानव अधिकार दिवस पर विधिक साक्षरता शिविर में श्रीमती वर्षा, अरूण शर्मा, सहायक कमाण्डेन्ट एवं वाहिनी के कमाण्डेन्ट पुष्पेन्द्र कुमार एवं अन्य अधिकारी व जवान उपस्थित थे।