धूल से स्कूली बच्चों सहित क्षेत्रवासी व राहगीर परेशान, एसईसीएल अधिकारी बने मूक दर्शक
सुरजपुर।
ठेकेदार की घोर लापरवाही से कछुआ की चाल से सड़क निर्माण कराया जा रहा है। धूल से स्कूली बच्चों सहित क्षेत्रवासी व राहगीर काफी परेशान हैं। राहगीरों के लिए जान की आफत बनी हुई है जबकि इतना सब कुछ होते हुए भी एसईसीएल अधिकारी एसी चालू कर पैक वाहनों से इसी रास्ते से आना जाना करते हैं उनको धुल का पता ही नहीं चलता इसलिए मूक दर्शक बने हुए है।
आमगांव ओपन कास्ट परियोजना से लेकर छत्तीसगढ़ ढाबा के बीच डामरीकरण व चौड़ीकरण कार्य हेतु एसईसीएल कंपनी के द्वारा 21 करोड़ रुपए कि स्वीकृति से ठेकेदार द्वारा 22 कि.मीटर सड़क निर्माण कराया जा रहा है जिसमें ठेकेदार द्वारा कराए जा रहे कछुआ की चाल से निर्माण से राहगीरों की जान की आफत बन चुकी है। कोई भी सक्षम अधिकारी और ठेकेदार ना ही उसके कर्मचारी कुछ सुनने को तैयार है आलम यह है राहगीरों को बस परेशानी का सामना ही करना पड़ रहा है। आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं साथ ही धूल के गुब्बारा से लोगों का गुजारना मुश्किल हो गया है। सबसे बड़ी बात यह है एन एच 43 से जोड़ने वाला मुख्य मार्ग है जिसमें बड़े-बड़े जनप्रतिनिधियों से लेकर एसईसीएल कंपनी के सहक्षेत्र प्रबंधन दो खदान के मैनेजर 4 खदान के आला अधिकारी आए दिन गुजरते हैं लेकिन कोई भी अपनी जिम्मेदारी लेना नहीं चाहते, सारी परेशानी जैसे आम जनता को ही झेलनी लिखी है। एसईसीएल कंपनी व अधिकारीयों कि इस रवैया से लोग काफी दुखित है।
धूल से पट गया पूरा क्षेत्र....
सबसे बड़ी बात यह है कि इस टू लेन सड़क में गुजरने वाले राहगीरों को खासकर दो पहिया वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अगर एक भी बड़ी गाड़ी आगे से गुजर जाती है तो लगभग 5 मिनट तक सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है जिससे दुपहिया वाहन चालक आए दिन दुर्घटना ग्रस्त हो रहे हैं साथ ही गायत्री खदान से लेकर बरपारा तक सुबह से लेकर रात तक धूल का अंबार ही नजर आता है जिसमें आज तक ना तो जिले के आला अधिकारी और ना ही संबंधित विभाग ग्रामीणों के हजार शिकायतों के बावजूद कोई भी कार्यवाही करती नहीं दिखी है पानी का छिड़काव भी नाम मात्र की।
सड़क पर जम गया है मिटटी का डस्ट, फिसल कर गिर रहे दो पहिया वाहन चालक
सड़क निर्माण में ठेकेदार की मनमर्जी व मनमानी के चलते आम नागरिक बहुत ज्यादा ही परेशान हो चुके हैं साथ ही क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों भी दिलासा देते ही रह गए आज आलम यह है कि बन रहे सड़क में खोदकर मिट्टी पैकिंग कर दिया गया है जिस में पानी छिड़काव नहीं के बराबर मिट्टी का डस्ट लगभग एक से डेढ़ फीट जगह जगह जम गया है जिसमें आए दिन लोग गिरकर फिसल रहे हैं साथ ही दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं जिसमें ना तो ठेकेदार और ना ही एसईसीएल के आला अधिकारी कुछ करना जरूरी समझते हैं।
कछुए चाल से चल रही निर्माण कार्य
आमगांव ओपन कास्ट परियोजना से लेकर छत्तीसगढ़ ढाबा एन एच 43 पहुंच मार्ग पर सड़क निर्माण कछुए की चाल से चल रही है चुकी है मुख्य मार्ग है जो आमजन को मुख्यालय से जोड़ता है जिसमें क्षेत्र के बड़े-बड़े जनप्रतिनिधि का इसी मार्क से आना जाना है लेकिन इन बड़े लोगों को दुपहिया वाहन में चल रहे हैं लोगों की परेशानी नहीं दिख रही है जो समझ से परे है साथ ही एसीसीएल अधिकारियों का भी मौन रहना बहुत से सवाल खड़े करता है ठेकेदार द्वारा गड्ढा खोद दिया गया है और उसमें मिट्टी का पैचिंग कर दिया गया है, अगर सही समय पर कार्य पूर्ण नहीं हो पाया तो आप अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अभी यह हाल है तो बरसात के मौसम में इस सड़क का क्या हाल होगा लेकिन इन सब फिक्र से दूर ठेकेदार व एसईसीएल कंपनी अपनी ही मनमर्जी मैं व्यस्त है।भारी वाहनों के चलने से दोपहिया वाहन में चलने वाले आम लोगों को धूल के कारण सामने कुछ भी दिखाई नहीं पड़ता है साथ ही मिट्टी का मलबा जमा होने के कारण दो पहिया वाहन के चक्का फिसल जाने के कारण आए दिन लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। और सड़क धुल से सराबोर हो चुकी है।