जल व पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता जरूरी : राज्यपाल डेका

छत्तीसगढ़ महासमुंद

महासमुंद । छत्तीसगढ़ प्रदेश के महामहिम राज्यपाल रमेन डेका ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए सामुदायिक सहभागिता पर जोर देते हुए पर्यावरण संर्वधन के लिए सभी से एक पेड़ लगाने का आह्वान किया है। राज्यपाल डेका ने आज जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक में उक्त आशय के विचार व्यक्त किया। 

राज्यपाल ने जिले में विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं के अलावा सामाजिक हितों के लिए जिले में किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। राज्यपाल डेका ने कहा कि सरकार की योजनाओं का सफल क्रियान्वयन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। कल्याणकारी योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से इसका लाभ जन-जन तक पहुंचता है। उन्होंने अधिकारियों को दायित्वों का निर्वहन कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और समर्पण की भावना से करने कहा। राज्यपाल डेका ने अधिकारियों से एजेण्डावार 20 विषयों पर विचार-विमर्श किया। साथ ही इस पर प्रशासनिक अधिकारियों से सुझाव आमंत्रित किया। बैठक में राज्यपाल डेका ने कहा कि जल संवर्धन और संरक्षण के लिए सभी शासकीय कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग के लिए कार्य किया जाए। यह सुनिश्चित करें कि वर्षा का जल संरक्षित रहे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक शासकीय अधिकारी और कर्मचारी मानवीय संवेदना को ऊपर रखकर कार्य करें। केन्द्र और राज्य सरकार के सभी फ्लैगशिप योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाए। योजनाएं तभी कारगर है जब इसका लाभ आम जनता को मिले। उन्होंने कहा कि हमें प्रधानमंत्री जी के एक पेड़ मां के नाम पर आह्वान को घर-घर पहुंचाना चाहिए। उन्होंने अपील किया कि प्रत्येक घरों में एक-एक पेड़ अवश्य लगाएं। राज्यपाल ने कहा कि वन विभाग पीपल, गुलमोहर जैसे अन्य छायादार और फलदार पौधें उपलब्ध कराएं। इन्हें सुरक्षित रखते हुए सामुदायिक सहभागिता भी सुनिश्चित करें। उन्होंने औषधीय पौधे लगाने के निर्देश भी दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को नियमित तौर पर फील्ड विजिट करने के भी निर्देश दिए हैं। टी.बी. मुक्त भारत अभियान की समीक्षा के दौरान कहा कि हमें यह विश्वास दिलाना होगा कि टी.बी. जैसे बीमारी को अब जड़ से खत्म किया जा सकता है। इसके लिए मितानिन और आशा दीदीयों का सहयोग लिया जाए। उन्हांने सहकारिता के माध्यम से किसानों को जोड़ने और समिति का संचालन करने के निर्देश दिए। ग्रामीणों को इसमें जोड़कर क्रियाशील करना आवश्यक है। इस अवसर पर जिले की 10 बिहान महिला समूहों की लखपति दीदीयों ने हस्तनिर्मित सामग्री राज्यपाल को भेंट किया। राज्यपाल डेका ने महिला समूहों के कार्यां की सराहना करते हुए कहा कि वे भविष्य में उनके कार्यां का अवलोकन करने जरूर पहुंचेंगे।बैठक में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने जिले में जल संरक्षण एवं जागरूकता, वृक्षारोपण व पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, स्वच्छता एवं जीवनशैली, बेहतर जीवन के लिए योग, टी.बी. उन्मूलन, लिंग अनुपात एवं बालिका शिक्षा, अनाथ बाल श्रम शिक्षा, एकीकृत पुस्तकालय, सामाजिक एवं नैतिक विकास, राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक विरासत, असहाय एवं परित्यक्त वरिष्ठ नागरिक, भिखारियों का पुनर्वास, एसएचजी आजीविका, नशा-मुक्ति एवं दुरुपयोग मुक्त नशा, सहकारिता संवर्धन, रेड क्रॉस सोसायटी की उपलब्धियों के संबंध में पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से महामहिम को अवगत कराया। कलेक्टर लंगेह ने राज्य सरकार द्वारा सामाजिक हितों पर किए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी के साथ जिले की विकासात्मक गतिविधियों से भी अवगत कराया। बैठक में कलेक्टर विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। इसके पूर्व महामहिम राज्यपाल रमन डेका सर्किट हाउस महासमुंद पहुंचे। जहां उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। यहां स्थानीय विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा, पूर्व राज्य मंत्री पूनम चंद्राकर, पूर्व विधायक डॉ. विमल चोपड़ा सहित स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, नागरिक एवं कलेक्टर विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक आशुतोष सिंह, वनमंडलाधिकारी पंकज राजपूत, जिला पंचायत सीईओ एस. आलोक ने राज्यपाल का पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। इस अवसर पर स्थानीय जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों ने राज्यपाल डेका से सौजन्य भेंट किया।