कलेक्टर ने ली छात्रावास अधीक्षकों की बैठक

छत्तीसगढ़ बेमेतरा

बेमेतरा | कलेक्टर रणबीर शर्मा ने आज जिला कलेक्टोरेट स्थित दृष्टि सभाकक्ष में आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के छात्रावास अधीक्षकों की बैठक ली | कलेक्टर ने एक-एक कर छात्रावास व आश्रमों के अधीक्षकों से छात्रावास एवं आश्रम के संचालन, उपलब्ध सुविधा, संसाधन, एवं कमियों की गहन समीक्षा करते हुये समस्त छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरा, भोजन व्यवस्था, शिक्षक व विद्यार्थियों की संख्या, शौचालय, पेयजल, साफ सफाई, बच्चों की साफ सफाई आदि की जानकारी ली।  इस अवसर पर अपर कलेक्टर डा. अनिल वाजपेयी असिस्टेंट कमिशनर ट्राइबल राधे श्याम टंडन सहित जिले के समस्त छात्रावास अधीक्षक उपस्थित थे | 

           कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि छात्रावास में दूर-दराज के विद्यार्थी पढ़ने आते है। शासन द्वारा उन्हें तमाम सुविधा उपलब्ध कराई जाती है इसलिए आप सभी का कर्तव्य हैं की सभी बच्चों को अपने घर के बच्चों की तरह रखे उन्हें सारी सुविधा उपलब्ध कराये। छात्रावास में रहकर पढ़ाई करने से व्यक्तित्व और एक दूसरे में सहयोग की भावना का विकास होता है। उन्होंने समस्त अधीक्षकों को समय सीमा एक सप्ताह के भीतर हॉस्टल की शौचालय, छत मरम्मत करने के निर्देश दिए उन्होंने हॉस्टल में गार्डनिंग कर अलग अलग तरह के पौधे लगाने और परिसर को साफ सफाई करने के निर्देश दिए | उन्होंने छात्रावास में बच्चों के लिए पानी पीने कि व्यवस्था, पंखा, कूलर में हो रहें बिजली सप्लाई को चेक करने को कहा ताकि कोई दुर्घटना ना हो | सभी बच्चों को पढ़ने के लिए अग्नि की उड़ान पुस्तक हॉस्टल में रखने को कहा | जिलाधीश ने अधीक्षकों से हॉस्टल में रह रहें बच्चों का परीक्षा परिणाम और अच्छे करने को कहा और सभी बच्चों को अनुशासित करने के निर्देश दिए | उन्होंने सभी हॉस्टल में बच्चों के कपड़े, बेडशिट कपड़े गद्दे को धुलाकर धुप में रखने को कहा ताकि साफ सफाई रहें | उन्होंने समय समय पर बच्चो का मेडिकल चेकअप कराने को कहा और गंभीर समस्या होने की दशा में वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवश्य अवगत कराएं | उन्होंने बच्चों को मौसमी सब्जी और फल देने को कहा ताकि पोषण आहार संतुलित रहें |  कलेक्टर ने आगे कहा कि बच्चों में अनुशासन एवं अच्छे गुणों के विकास में अधीक्षकों की अहम भूमिका होती हैं | छात्रावास और आश्रम में रहने वाले बच्चों को विविध गतिविधि में परंपरागत बनाने के लिए समय- समय पर अनेक गतिविधियों का आयोजन करना सुनिश्चित करें। बच्चों को खेलकूद, सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली, पेंटिंग जैसे रोचक गतिविधियों में जोड़कर उनके सर्वागिण विकास करें। उन्होंने कहा कि बालिका सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सुरक्षा मुहैया कराएं। संदिग्ध गतिविधियां कोई अनजान व्यक्ति छात्रावास एवं आश्रम परिसर में प्रवेश न कर सके, इसके लिए समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित करें। पारिवारिक और सामाजिक वातावरण निर्मित करते हुए व्यवहारिक आचरण का माहौल बनाकर बच्चों को अपने घर जैसे माहौल उपलब्ध कराने के निर्देश दिए । कलेक्टर ने कहा कि बच्चों को गुड टच, बेड टच की जानकारी दें, जिससे बच्चें अपना सुरक्षा कर सके | अंत में कलेक्टर ने छात्रावास अधीक्षकों को नियमित मानिटरिंग और बेहतर तरीके से संचालित करने को कहा और कहा की किसी प्रकार की अनियमितता या लापरवाही करने पर दण्डात्मक कार्यवाही करने के शख्त निर्देश दिए ।