बिलासपुर (वीएनएस)। जिला पशु चिकित्सालय में आज 28 सितम्बर 2024 को विश्व रैबिज दिवस का आयोजन किया गया। कलेक्टर अवनीश शरण और नगर निगम कमिश्नर अमित कुमार भी कार्यक्रम में शामिल हुए। पशु चिकित्सालय परिसर में निःशुल्क टीकाकरण कार्यक्रम सवेरे 9 बजे से आयोजित किया गया। इसके साथ ही सभी पशु चिकित्सा संस्थानों में भी टीकाकरण किया गया। कलेक्टर ने पशुपालकों को इस अवसर पर टीकाकरण कार्ड और एनिमल हेल्थ किट भी दिया। बड़ी संख्या में शहर के पालतू पशुपालकों ने कैंप में अपने पालतू पशुओं को रेबीज का टीका लगवाया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन की ओर से निःशुल्क रेबीज टीका लगवाया जा रहा है। सभी पशुपालकों को अपने पालतू पशुओं को रेबीज का टीका लगवाना चाहिए। उन्होंने पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर वर्ष मानसून के पहले एक अभियान चलाकर रेबीज टीकाकरण किया जाए। पशु चिकित्सा विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. जीएसएस तंवर ने बताया कि साल भर में 30 हजार से ज्यादा पशुओं का टीकाकरण होता है।
कार्यक्रम में जिला पशु चिकित्सालय के प्रभारी डॉ राम ओंतावावार, डॉ विरेंद्र पिल्ले, डॉ टीडी सरजात, डॉ अजय अग्रवाल, डॉ अर्चना अग्रवाल, डॉ रामनाथ बंजारे सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे। रैबिज या अलर्क रोग एक घातक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित जानवरों के लार से मनुष्यों में फैलता है। रैबिज आमतौर पर जानवरों जैसे कुत्ता, बिल्ली, चमगादड़ों के काटने से फैलता है। रैबिज के लक्षणों में सिर दर्द, हाइड्रोफोबिया, अधिक लार आना, मांस पेंशियों में एैठन, लकवा आदि शामिल है। एक बार रैबिज संक्रमण होने के बाद इसका कोई प्रभावी उपचार नही होने से आमतौर पर ये मौत का कारण बनती है। अतः पालतू जानवरों के काटने से संक्रमण की आशंका होती है। रैबिज सम्पर्क में आने पर संक्रमण फैलने से रोकने के लिए टीके लगवाना आवश्यक है।