झोरा घाट में स्वच्छता अभियान एवं कचरा प्रबंधन जागरूकता अभियान चलाया गया

छत्तीसगढ़

कटघोरा I
शासकीय मुकुटधर पांडेय महाविद्यालय कटघोरा के समाजशास्त्र विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों  ने डॉ मदन मोहन जोशी प्राचार्य के संरक्षण एवं मार्गदर्शन में कोरबा जिले के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल झोरा घाट में 17 फरवरी को स्वच्छता अभियान एवं कचरा प्रबंधन जागरूकता अभियान चलाया। झोराघाट पर्यटन की दृष्टि से कोरबा जिले का महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जहाँ अवकाश के समय खासकर ठंड के समय, छुट्टी के दिन एवं रविवार को पर्यटकों का सैलाब देखने को मिलता है। इस दौरान मौज मस्ती एवं सामिष – निरामिष सभी प्रकार के खान-पान के कारण सामाजिक एवं भौतिक पर्यावरण प्रदूषण के फैलाव को रोकने एवं कचरा प्रबंधन के लिए छात्र-छात्राओं एवं स्वयंसेवकों के द्वारा जन जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान स्वच्छता के नारे, स्लोगन, जागरूकता गीत आदि प्रस्तुत किये गए। आसपास फैले उपयोगी खाद्य पदार्थ, फलों के छिलके को गाय आदि पशुओं को खिलाया गया एवं अनुपयोगी कचरा को स्थायी अपशिष्ट कचरा प्रबंधन स्थल में डाला गया। पाउच, पन्नी, पालीथिन को यत्र -तत्र न बिखेरने एवं गंदगी न फैलाने की अपील की गई। राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी एवं हिंदी के विभागाध्यक्ष डॉ शिवदयाल पटेल ने कचरे को प्रबंधन करना  बहुत जरूरी  बताते हुए कहा कि कचरा मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण को  बेहद नुकसान पहुंचाता है, इससे मलेरिया, टी.बी, पीलिया और हैजा जैसी कई बीमारियाँ उत्पन्न होती है।समाज शास्त्र विभाग के अध्यक्ष अतिथि प्राध्यापक राकेश आजाद ने कहा कि अपशिष्ट एक खतरनाक समस्या है। क्योकि इसकी वजह से आज हर दिन नई-नई बीमारियां फैल रही है। इन बीमारियों के कारण हर दिन लाखों लोगों की मौत हो रही है। एक आंकड़े के अनुसार 378 मिलियन लोग शहरों में रहते है। जो प्रति वर्ष 62 मिलियन सार्वजनिक ठोस अपशिष्ट उत्पन्न करते हैं। उन्होंने ठोस अपशिष्ट को प्रबंधन करने के मुख्य तरीके अपशिष्ट पुनः प्रयोग, पुनः चक्रण, भष्मीकरण, गैसीकरण, पाइरो लिसिस के बारे में विस्तृत  जानकारी दी। अतिथि प्राध्यापक संजय लहरे ने कचरे से भूमि प्रदूषण और  जल प्रदूषण की चर्चा की।  अभियान को सफल बनाने में रितेश देवांगन, बिंदु पटेल, शिवसागर, आकाश कुमार, विश्वजीत पैकरा, आशा निर्मलकर, सुधा महंत, टंकेश्वरी साहू, संध्या, नीतू बघेल, राजेश बघेल, संजू दास, रोहित गोस्वामी, संदीप कुमार, रितु, विनय कुमार यादव, विमल कुमार शाह का महत्वपूर्ण योगदान रहा।