Tuesday, March 4, 2025

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चौधरी मित्रसेन आर्य जयंती विशेष : दुनिया में कुछ विरले लोग होते हैं जो अपने सत्कर्म के पदचिन्ह छोड़ जाते हैं-डॉ. संजय गुप्ता

  • चौधरी मित्रसेन आर्य की 93 वीं जयंती पर इंडस पब्लिक स्कूल-दीपका में हुआ पूजन एवं विशेष प्रातःकालीन सभा का आयोजन
  • चौधरी मित्रसेन आर्य जी के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में आध्यात्मिक गीत,सुंदर नृत्य एवं मंत्रोच्चारण से गुंजित हुआ विद्यालय का प्रांगण
  • Chaudhary Mitrasen Arya Jayanti Special: There are some rare people in the world who leave behind the footprints of their good deeds - Sanjay Gupta
    Chaudhary Mitrasen Arya Jayanti Special: There are some rare people in the world who leave behind the footprints of their good deeds – Sanjay Gupta

दीपका – कोरबा //
इस परिवर्तनशील संसार में जिसने जन्म लिया है, उसकी मृत्यु निश्चित है। लेकिन जन्म लेना उसी का सार्थक है,जो अपने कार्यों से कुल, समाज और राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर करता है।महाराजा भतृहरि के इन महावाक्यों को चरितार्थ करता चौधरी मित्रसेन आर्य का जीवन सत्य,संयम और सेवा का अद्भुत मिश्रण रहा।इनके लिए स्वहित को छोड़ मानव हित ही सर्वोपरि रहा। 15 दिसंबर 1931 को हरियाणा के हिसार जिले के खांडा खेड़ी गाँव में चौधरी श्रीराम आर्य के घर में माता जीवो देवी की कोख से चौधरी मित्रसेन आर्य का जन्म हुआ। अपने पूर्वजों से मिले संस्कार व अपनी पत्नि के साथ चौधरी मित्रसेन जी सन् 1957 में रोहतक में एक लेथ मशीन के साथ अपना खुद का व्यवसाय शुरू किया।
एक गृहस्थ व व्यवसायी होते हुए भी उन्होंने अपने जीवन में ऐसे आदर्श स्थापित किए जिन्हें यदि हम अपना लें तो रामराज्य की कल्पना साकार की जा सकती है।चौधरी जी के विचार थे हमें हर कार्य को करने पहले यह सोच लेना चाहिए कि इसके करने से सबका हित होगा या नहीं ।यदि व्यक्तिगत रुप से लाभ लेने वाला कोई कार्य समाज के लिए अहितकर है तो उस कार्य को कदापि नहीं करना चाहिए।

  • मनभावन नृत्य के माध्यम से विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किया चौधरी मित्रसेन आर्य के जीवन के संघर्ष एवं सफलता को

Chaudhary Mitrasen Arya Jayanti Special ऐसे महान विभूति के जन्मदिन के पावन अवसर पर दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में विशेष प्रातःकालीन सभा एवं पूजन का आयोजन किया गया।प्रातः प्रार्थना स्तुति के पश्चात वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजन का विशेष आयोजन किया गया। पूजन में विद्यालय के समस्त शिक्षक — शिक्षिकाओं ने चौधरी मित्रसेन आर्य के तैल्य चित्र में पुष्प अर्पित किया। विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं बच्चों तथा कर्मचारियों ने पूजन में भाग लेकर चौधरी मित्रसेन जी के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की कार्यक्रम का संचालन कक्षा नवमी की छात्रा सुश्री पायल सहारन ने किया।कक्षा 9 वीं के विद्यार्थियों ने बहुत ही सुंदर प्रातःकालीन सभा की प्रस्तुति दी।विद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष श्री हेमलाल श्रीवास ने चौधरी मित्रसेन आर्य के जीवन की प्रेरक घटनाओं से विद्यार्थियों को परिचित कराया साथ ही ओजमयी कविता के माध्यम से विद्यार्थियों में उत्साह का संचार किया।संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉक्टर योगेश शुक्ला ने वैदिक मंत्रोच्चारण से विद्यालय का वातावरण विशुद्ध कर दिया।पूजन एवं पुष्प अर्पण कार्यक्रम के दौरान निरंतर वैदिक मंत्रों का उच्चारण एवं जाप किया जाता रहा।पूरा विद्यालय परिसर आध्यात्मिकता से सराबोर हो गया।

चौधरी मित्रसेन आर्य जयंती विशेष

Chaudhary Mitrasen Arya Jayanti Special विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक एवं शैक्षणिक प्रभारी श्री सब्यसाची सरकार सर ने कहा कि जीवन पर्यन्त परोपकार एवं परहित के आदर्श पर चलने वाले और समाज को एक दिशा और दृष्टि देने वाले चौधरी मित्रसेन जी भौतिक रुप से आज हमारे बीच नहीं हैं,लेकिन उनके विचार कार्य और उनकी दृष्टि युगों-युगों तक भावी पीढ़ी हेतु एक प्रेरणास्रोत रहेगी। बेटियों की शिक्षा-दीक्षा एवं उनकी सुरक्षा के प्रति चौधरी जी ने अभूतपूर्व कार्य किये हैं। पूजन के पश्चात विद्यालय के बच्चों द्वारा एक भजन प्रस्तुत किया गया तथा एक नृत्य नाटिका के माध्यम से चौधरी मित्रसेन आर्य के जीवन पर प्रकाश डालकर उनके संघर्षों एवं सफलताओं से परिचित करवाया गया।

पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी बच्चों चौधरी मित्रसेन आर्य की जीवनी एवं उनके कार्यों के बारे में बताया गया। इसके पश्चात उनके जीवन से संबंधित प्रश्नोत्तरी का आयोजन शिक्षकों के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय की शैक्षणिक प्रभारी श्रीमती सोमा सरकार के साथ ही सभी शिक्षक शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों का विशेष सहयोग रहा।


इस पावन अवसर पर विद्यालय प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि दुनिया में कुछ ही विरले लोग ऐसे होते हैं जो अपने सत्कर्मों के पदचिन्ह छोड़ जाते हैं।जो दूसरों के लिए हमेशा अनुकरणीय होते हैं। चौधरी मित्र सेन ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे। वे जीवनभर हमारे लिए मिसाल एवं प्रेरणास्रोत बने रहेंगे। चौधरी जी के जीवन का हर एक पहलू हम सब के लिए एक आदर्श है।उन्होंने प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हमें सकारात्मकता का ही संदेश दिया है।उनके जीवन से हम मानवता और सेवा का पाठ सीख कर अपना जीवन सफल बना सकते हैं।एक सफल व समृद्ध व्यक्ति होते हुए भी वे हमेशा विनम्र और मृदुल रहे।उनके प्रत्येक कार्य में उनकी महानता की झलक देखने को मिलती है।सच में उनका जीवन अनुकरणीय व प्रेरक है।

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