बोलेरो चालक ने DPM पर लगाए शोषण के गंभीर आरोप, न्याय की गुहार

छत्तीसगढ़ नारायणपुर

नारायणपुर । मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय में तैनात बोलेरो चालक कैलाश ठाकुर ने जिला कार्यक्रम प्रबंधक (DPM) राजीव बघेल पर शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। कैलाश ने बताया कि DPM न केवल उसे सरकारी कामों के लिए बल्कि अपने निजी कार्यों के लिए भी लगातार परेशान करता है। कैलाश ने 11 बिंदुओं पर आधारित शिकायत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और नारायणपुर कलेक्टर को दी है, जिसमें उसने न्याय की गुहार लगाई है।

DPM पर निजी कार्य करवाने के आरोप
कैलाश ठाकुर का आरोप है कि DPM राजीव बघेल उससे रोजाना सुबह 8:30 बजे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए कहता है और कार्यालय बंद होने के बाद भी देर रात तक रोके रखता है। यहां तक कि साप्ताहिक अवकाश के दिनों में भी बच्चों को घुमाने और बाजार से खरीदारी कराने के लिए उसे बुलाया जाता है। कैलाश ने कहा कि पिछले आठ महीनों से यह सिलसिला जारी है, लेकिन उसकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है, जिससे DPM के हौसले बढ़ते जा रहे हैं।

शराब मंगवाने का गंभीर आरोप
सबसे गंभीर आरोप यह है कि DPM कैलाश को रोजाना शराब लाने के लिए मजबूर करता है। कैलाश, जो खुद शराब नहीं पीता, ने बताया कि जब वह इस काम से मना करता है, तो उसे नौकरी से निकालने की धमकी दी जाती है। DPM उसे बार-बार नोटिस देकर भी परेशान करता है। कैलाश ने कहा कि उसकी पत्नी गर्भवती है और उसे जल्दी घर जाने की जरूरत होती है, लेकिन DPM उसे देर रात तक रोकता है।

CMHO ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस. एस. राज ने बताया कि उन्होंने हाल ही में पदभार संभाला है और कैलाश की शिकायत उनके पास अभी तक नहीं पहुंची है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि शिकायत मिलने पर इसकी जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

DPM पर भ्रष्टाचार के आरोप
DPM राजीव बघेल पर सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग करने और कर्मचारियों का शोषण करने के आरोप कोई नए नहीं हैं। छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से DPM की मनमानी और भ्रष्टाचार की खबरें सामने आती रही हैं। पहले भी धमतरी के तत्कालीन कलेक्टर पीएस एल्मा ने DPM की हरकतों के कारण उसका तबादला दूसरे जिले में करने के लिए पत्राचार किया था।



DPM ने आरोपों को किया खारिज
वहीं, DPM राजीव बघेल ने खुद पर लगे आरोपों को नकारते हुए चालक कैलाश ठाकुर पर ही सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि कैलाश कई बार सरकारी कामों से अनुपस्थित रहता है और फोन करने पर फोन नहीं उठाता। बघेल ने दावा किया कि कैलाश को केवल आपातकालीन स्थिति में रात में बुलाया गया है।

कैलाश ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों ने सरकारी कार्यालय में कर्मचारियों के शोषण और भ्रष्टाचार के गंभीर मुद्दों को उजागर किया है। अब सभी की निगाहें CMHO कार्यालय पर टिकी हैं, जो इस मामले में उचित जांच और कार्रवाई का आश्वासन दे रहा है।