दो माह का कॉल ऑफ देने पर रोक
जबलपुर हाईकोर्ट ने दी अंतरिम राहत
जबलपुर।
हाई कोर्ट ने एक दर्जन से अधिक होमगार्ड सैनिकों को दो माह का कॉल ऑफ देने पर अंतरिम रोक लगाते हुए उन्हें सेवा में बने रहने की अनुमति दी। गुरुवार को सुनवाई के बाद प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगल पीठ ने मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार कर पूर्व में लंबित प्रकरणों के साथ संलग्न करने के निर्देश दिए। मामले पर अगली सुनवाई आठ अप्रैल को होगी।
याचिकाकर्ता छिंदवाड़ा निवासी सचिन विश्वकर्मा, बृजेश शर्मा, संतोष उइके, राजेश उइके और सीहोर निवासी मुकेश सिंह व किशोर लाल की ओर से अधिवक्ता विहाग दुबे ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ताओं को एक अप्रैल 2024 से 31 मई 2024 तक का कॉल ऑफ दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन ने संशोधन के जरिए एक साल में दो माह के काल आफ को बदलकर तीन साल में दो माह का काल आफ कर दिया गया। पहले एक साल में यह कॉल ऑफ दिया जाता था।
वर्ष 2010 में होमगार्ड कर्मचारियों द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर नियमितीकरण, आरक्षकों के समान वेतन, पूरे वर्ष कार्य प्रदान करने व अन्य लाभ देने की प्रार्थना की गई थी। वर्ष 2011 में हाई कोर्ट द्वारा आंशिक रूप से स्वीकार कर मध्य प्रदेश शासन को आदेशित किया था कि वे होमगार्ड के सेवा नियम बनाएं एवं उन्हें पूरे वर्ष कार्य पर रखा जाए। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में नियम बनाये और आदेश के विपरीत पुनः एक वर्ष में दाे माह का बाध्य कॉल ऑफ का प्रावधान रख दिया। अवमानना के बाद सरकार ने तीन साल वाला नियम बना दिया।