कोरबा।
कोरबा-मुड़ापार बाईपास मार्ग पर उस समय हंगामा शुरू हो गया, जब बैंक के अधिकारी पुलिस और कुछ अन्य अधिकारियों के साथ जमीन कुर्क करने जा पहुंचे। उन्हें सड़क किनारे जमीन पर बोर्ड लगाता देखकर बस्तीवासियों ने उनका विरोध शुरू कर दिया।
अधिकारियों ने किसी तरह से उन्हें नियम-कायदों की जानकारी देते हुए समझाया। साथ ही न्यायालय के निर्देशों के पालन की औपचारिकता भी पूरी की गई।
बताया जा रहा है कि शहर के मुड़ापार क्षेत्र में पुरानी बस्ती निवासी एक परिवार का खसरा नंबर 321/1 रकबा 39676 वर्गफीट जमीन स्थित है। इस जमीन के एवज में परिवार ने यूको बैंक के कोरबा शाखा से वर्ष 2008 में 9 लाख रुपए ऋण लिया था।
जानकारी के अनुसार बैंक के नियमानुसार ऋण को किश्तों में अदा किया जाना था। इसके विपरीत कर्जदार ने किश्त अदा करने में रुचि नहीं ली। जिससे साल दर साल रकम बढ़ती गई। अपनी रकम वसूलने बैंक प्रबंधन ने कोर्ट में मामला दायर कर दिया।
मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय से कुर्की आदेश जारी कर दिया गया। प्रक्रिया पूरी करने वसूली अधिकारी की नियुक्ति की गई है। वे बैंक अधिकारियो के साथ तहसील कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तहसीलदार को पूरे मामले की जानकारी दी।
बताया जा रहा हैं की तहसीलदार ने अग्रिम कार्यवाही के लिए पटवारी को निर्देशित किया। वहीं मानिकपुर पुलिस चौकी से बल भी उपलब्ध कराया गया। वसूली अधिकारी बैंक अधिकारियो के साथ मौके पर पहुंचे। संबंधित जमीन को कुर्क करने बोर्ड को रखा देखकर आसपास के लोग इकट्ठा होने लगे। उन्होंने इस जमीन पर सालों से रहने की बात कहते हुए लोन लेने वाले को सामने लाने की मांग शुरू कर दी।
बस्तीवासियों का कहना था कि जब जमीन एसईसीएल द्वारा लीज में ली गई थी, तो भला इस जमीन का मालिकाना हक कैसे मिल सकता है। बस्तीवासियों को आक्रोशित देख पुलिस अधिकारियो ने कमान संभाली। उन्होंने बस्तीवासियों को नियम-कायदों से अवगत कराया। इस बीच राजस्व अमले ने संबंधित जमीन को नक्शे में देख चिह्नांकित किया। वहीं न्यायालय के आदेश का पालन करने की औपचारिकता पूरी की गई।