Saturday, January 18, 2025

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आयुर्वेद महाविद्यालय कर रहा लोगों का प्रकृति परीक्षण

अब तक 7 हजार व्यक्ति करा चुके परीक्षण

बिलासपुर/
आयुष मंत्रालय भारत सरकार एवं नेशनल कमीशन फार इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में “देश का प्रकृति परीक्षण’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम का देशव्यापी प्रभाव देखा जा रहा है। वर्तमान समय में हजारों आयुष वालंटियर ने लाखों नागरिको का प्रकृति परीक्षण कर लिया है।

National Commission for Indian System of Medicine New Delhi बिलासपुर शहर में भी यह कार्यक्रम शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय बिलासपुर द्वारा चलाया जा रहा है। बिलासपुर के विभिन्न प्रतिष्ठा पूर्ण संस्थानों में महाविद्यालय की टीमों ने प्रकृति परीक्षण किये है। गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के स्टाफ, सी एम् डी कालेज, बिलासा गर्ल्स कालेज, महिला आई टी आई, एल सी आई टी कालेज, शासकीय नर्सिंग कालेज, डी पी विप्र कालेज इत्यादि विभिन्न संस्थानों एवं स्थानों में महाविद्यालय की टीम प्रकृति परीक्षण कर रही है। महाविद्यालय की 35 टीमे पिछले 16 दिन से 7000 लोगों का प्रकृति परीक्षण कर चुकी है और औसतन डेढ़ से दो हजार व्यक्तियों के प्रकृति परीक्षण कर के टीमे उन्हें उनके शरीर के अनुसार सलाह देती है। संस्था के प्राचार्य डा. रक्षपाल गुप्ता ने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति दूसरे व्यक्ति से भिन्न होती है। उसी प्रकार प्रत्येक व्यक्ति के आहार विहार की प्राथमिकता और उन्हें होने वाले रोग भी एक दूसरे से भिन्न होते है। यही जानकारी व्यक्ति को उनके प्रकृति परीक्षण से प्राप्त होती है। इसका परीक्षण आयर्वेद वालंटियर नेशनल कमीशन ऑन इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन के प्रकृति परीक्षण के एप से करता है। स्मार्ट फोन में एप, नागरिक और वालंटियर दोनों को इंस्टाल करना होता है। वेरिफिकेशन के उपरांत वालंटियर प्रश्नों के माध्यम से प्रकृति परीक्षण करता है। इच्छुक नागरिक अपना प्रकृति परीक्षण नूतन कालोनी स्थित महाविद्यालय चिकित्सालय में आकर करवा सकते हैं तथा चिकित्सीय सलाह एवं औषधियां प्राप्त कर सकते हैं। आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ रक्षपाल गुप्ता ने शरीर की जानकारी के लिए प्रकृति परीक्षण कराने की अपील की है।

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