कोरबा
लंबे समय से अटकी रेत खदानों की स्वीकृति अब शुरू हो गई है। शहर के समीप चुईया, कुदुरमाल व ग्रामीण अंचल में दुल्लापुर, सिर्री में रेत खदान को मंजूरी मिल गई है। रेत खदान खोलने के लिए चिन्हित स्थल पर तैयारी शुरू कर दी गयी है। एक सप्ताह के भीतर उक्त चारों खदान खुल जाएंगे, जिसके बाद शहर में चुईया व कुदुरमाल खदान से रेत की सप्लाई होने लगेगी।
वर्तमान में जिले के एक मात्र कुटेश्वरनगोई (बांगो) रेत खदान चालु है। बाकी सभी रेत खदान बंद है। शहर में पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा से रेत सप्लाई हो रही है। दोनों ही माध्यम से रेत लेने पर जरूरतमंदों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।
शहर में सीतामढ़ी क्षेत्र के समीप मोतीसागर पारा व गेरवा घाट में रेत खदान चल रहे थे। मोतीसागर पारा घाट का ठेका अवधि समाप्त होने व गेरवा घाट में एनीकट बनने के बाद रेत निकालने पर पाबंदी लग गई। खनिज विभाग ने शहर में रेत असानी से उपलब्ध हो इसके लिए सर्वे करके भिलाईखुर्द व गेरवाघाट के आगे चारपारा घाट को नए रेत खदान के रूप में मंजूरी दी। उक्त दोनों खदान भी जल्द खुलने वाले हैं,
खनिज विभाग द्वारा स्वीकृत रेत खदान के खुलने के बाद अब नगर निकाय अंतर्गत आने वाले शहरी क्षेत्र में नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत खदानों का संचालन करेगी, जिसमें शासन से निर्धारित रायल्टी वसूलकर रेत उपलब्ध कराया जाएगा। शहर में जो ट्रैक्टर भाड़ा है उसके मुताबिक वैध खदान से रायल्टी चुकाकर रेत सप्लाई करने पर लोगों को एक हजार रुपए प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से रेत उपलब्ध हो सकेगी।
जिला खनिज अधिकारी प्रमोद नायक के मुताबिक जिले में 18 रेत खदान खोलने के लिए स्वीकृति मांगी गई थी। पर्यावरणीय स्वीकृति के बाद 4 रेत खदान कुदुरमाल, चुईया, दुल्लापुर व सिर्री इस सप्ताह खुल जाएगा। शेष 14 रेत खदान भी जल्द खुलेंगे, जिसके लिए प्रक्रिया जारी है।
कई घाट में पर्याप्त मात्रा में रेत देखकर उन्हें नए खदान खोलने का प्रस्ताव खनिज विभाग ने बनाकर मुख्यालय को भेजा था। जिससे रेत खदान की संख्या बढ़कर 18 हो गई। शहर के करीब चुईया नई रेत खदान है।
जिला खनिज विभाग ने 18 रेत खदानों को नए नियमों से खोलने के लिए प्रक्रिया पूरी करके पर्यावरणीय मंजूरी के लिए भेजा, जिसमें से 4 खदान कुदुरमाल, चुईया, दुल्लापुर व सिर्री को मंजूरी मिलने के बाद खदान खोलने की तैयारी शुरू हो गई है। खनिज विभाग के मुताबिक 14 अन्य खदान का पर्यावरण मंजूरी बाकी है। स्वीकृति के लिए प्रकरण भेजे जो अवधि हो रहा है, उससे जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।