⭕ इंडस पब्लिक स्कूल-दीपका में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया आजादी का महापर्व
⭕ आई0पी0एस0-दीपका के प्रांगण में शान से लहराया तिरंगा,आयोजित हुए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम
दीपका/कोरबा।
इस दिन का ऐतहासिक महत्व है इस दिन की याद आते ही उन शहीदों के प्रति श्रध्दा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है । जिन्होने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी । इसलिए हमारा पुनित कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें, देश का नाम विश्व में रोशन हो ऐसा कार्य करें । देश के प्रगति का साधक बने न कि बाधक ।
सदियों की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 के दिन हमारा भारत देश आजाद हुआ। पहले हम अंग्रजों के गुलाम थे।उनके बढ़ते हुए अत्याचारों से सारे भारतीय त्रस्त हो गए और तब विद्रोह की ज्वाला भड़की और देश के अनेक वीरों ने प्राणों की बाजी लगाई,गोलियाँ खाईं और अंततः आजादी पाकर ही चैन लिया।इस दिन हमारा देश आजाद हुआ,इसलिए इसे स्वतंत्रता दिवस कहते हैं।
अंग्रेजों के अत्याचारों एवं आमानवीय व्यवहारों से त्रस्त भारतीय जनता एकजुट हो इससे छुटकारा पाने हेतु कृत संकल्प हो गई । सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद ने क्रांति की आग फैलाई और अपने प्राणों की आहुति दी । तत्पश्चात सरदार वल्लभ भाई पटेल, गांधी जी, नेहरू जी ने सत्य, अहिंसा और बिना हथियारों की लड़ाई लड़ी और सत्याग्रह आंदोलन किये, लाठियां खाई, कई बार जेल गये और अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने के लिए मजबूर कर दिया । 15 अगस्त 1947 का दिन हमारे लिए स्वर्णिम दिन बना और हमारा देश स्वतंत्र हुआ ।
इंडस पब्लिक स्कूल-दीपका में आजादी की 78वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाया गया।कार्यक्रम का प्रारंभ मार्च पास्ट एवं ध्वजारोहण से किया गया। विद्यालय के प्राचार्य डॉ0संजय गुप्ता ने आगंतुक अतिथियों के साथ मिलकर ध्वजारोहण किया एवं राष्ट्रगान की धुन पर पूरे विद्यालय परिवार ने सलामी दी।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में विद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता उपस्थित थे।कार्यक्रम की शुरुआत आगंतुक अतिथियों को पुष्पगुच्छ एवं तिलक लगाकर तथा मुख्य अतिथि के द्वारा महात्मागांधी के तैल्य चित्र में दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंगारंग आयोजन किया गया।
कक्षा यूकेजी के विद्यार्थियों के देशभक्ति नृत्य ने सबका मन मोह लिया। साथ ही भारत देश के महानता एवं संविधान के महत्व को प्रदर्शित करती नृत्य प्रस्तुति ने सबका मन मोह लिया।विद्यालय के नृत्य शिक्षक श्री हरी शंकर सारथी एवं रूमकी हकदार के दिशा निर्देशन में देशभक्ति से परिपूर्ण आकर्षक नृत्य ने सबको झूमने पर मजबूर कर दिया।
श्री हरी शंकर सारथी एवं श्रीमती रुमकी हलदर के कुशल मार्गदर्श्न में कक्षा 6 वेद से 9वीं के छात्र-छात्राओं ने ओजस्वी नृत्य की प्रस्तुति दी साथ ही नन्हे मुन्ने विद्यार्थियों के ओजस्वी कविताओं ने भी समां बांधा।माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों ने देशभक्ति से परिपूर्ण भावपूर्ण तथा देशभक्तों के बलिदान की जीवंत नृत्य की प्रस्तुति दी,जिसको देखकर सबकी आँखें नम हो गई।गौरतलब है कि यह हृदयस्पर्शी नृत्य विद्यालय के संगीत शिक्षक श्री नवीन सर,हरी सर के कुशल मार्गदर्शन में तैयार किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की आसंदी में विराजमान डॉक्टर संजय गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि आई0पी0एस0-दीपका ने प्रत्येक क्षेत्र में सामाजिक सहभागिता निभाते हुए विगत 7वर्षों में अपनी अलग पहचान बनाई है।उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस की सभी शुभकामनाएँ दीं।साथ ही यह भी कहा कि इंडस पब्लिक स्कूल-दीपका में विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास होता है इसमें दो राय नहीं है। क्योंकि यहाँ के सभी स्टॉफ में समर्पण एवं सेवा की भावना है।वे विद्यार्थियों को अपने पुत्र एवं पुत्रियों के समान निःस्वार्थ भाव से शिक्षित करते हैं।
डॉक्टर गुप्ता ने कहा कि आज का दिन उन अमर शहीदों को श्रद्धानत प्रणाम करने का है जिनकी बदौलत हमें आजादी का अनमोल तोहफा मिला है।हमें धर्म,जाति,संप्रदाय को दरकिनार कर देशधर्म को अपनाना चाहिए।विविधता में एकता हमारे भारत देश की विशेषता है और हमें किसी भी कीमत पर राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।हमें अपने हृदय में केवल देशधर्म को स्थान देना चाहिए और वही हमारे लिए सर्वोपरी है।आज के दिन के ऐतिहासिक महत्तव से तो हम सभी वाकिफ हैं।इस दिन उन शहीदों के प्रति श्रद्धा से मस्तक अपने आप ही झुक जाता है जिन्होंने स्वतंत्रता के यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी इसलिए हमारा पुनीत कर्तव्य है कि हम हमारे स्वतंत्रता की रक्षा करें।देश का नाम विश्व में रोशन हो ऐसा काम करें।देश की प्रगति का साधक बनें,न कि बाधक।
कार्यक्रम का संचालन स्कूल हेड बॉय एवं हेड गर्ल सौभाग्य रंजन तथा तमन्ना सिंधु ने संयुक्त रूप से किया।तथा कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी स्टॉफ का योगदान रहा।कार्यक्रम के अंत में सुश्री पारुल पदवार ने धन्यवाद ज्ञापित किया एवं राष्ट्रगान की धुन में सभी ने एक साथ राष्ट्रगान का गायन कर कार्यक्रम का समापन किया।