जौनपुर । अस्सी के दशक में छोटे पर्दे पर धूम मचाने वाले रामानंद सागर निर्देशित टीवी सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम की भूमिका अदा करने वाले अरुण गोविल ने कहा कि रामचरितमानस और रामायण केवल पढ़ने और मनोरंजन के लिए नहीं है, बल्कि उसमें भगवान राम के चरित्र, संस्कार और नैतिकता को अपने जीवन में कुछ प्रतिशत ही अपनाए तो जीवन सुखमय और शांतिपूर्ण रहेगा।
कपड़े के प्रसिद्ध प्रतिष्ठान का उद्घाटन करने के बाद गोविल ने पत्रकारों से बातचीत में कहा अयोध्या में सैकड़ो वर्षों से प्रतिक्षित भगवान श्री राम का भव्य और विशाल मंदिर अब बनकर तैयार हो रहा है और उसमें मेरे जीवन काल में ही प्राण प्रतिष्ठा होगी, यह क्षण मेरे जीवन में का सबसे सुखमय क्षण होगा।
उन्होंने कहा कि रामचरितमानस और रामायण सिर्फ पढ़ने की पढ़ने और मनोरंजन के लिए नहीं है, बल्कि उसमें वर्णित भगवान श्री राम के चरित्र, संस्कार और नैतिकता को अपने जीवन मे उतारने की जरूरत है, क्योंकि भगवान श्री राम का चरित्र माता-पिता, गुरु, भाई, पत्नी और मित्रों के लिए उनके अनुरूप था।
भाई के साथ भाई बनकर, माता- पिता के साथ पुत्र बनकर, गुरु के साथ शिष्य बनकर और प्रजा के साथ राजा बनकर मर्यादा का पूरी तरह से निर्वहन किया है, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम कहा जाता है। भगवान को राम के चरित्र का कुछ प्रतिशत यदि अपने जीवन में अपना लिया जाए तो जीवन सुखमय और शांतपूर्ण रहेगा।