रायपुर । छत्तीसगढ़ में फार्मेसी कोर्स में प्रवेश की प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने जा रही है। बी फार्मेसी और डी फार्मेसी के 9,000 सीटों पर एडमिशन हेतु तकनीकी शिक्षा संचालनालय (DTE) प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने वाला है। 1 अक्टूबर को स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय (CSVTU) की कार्यपरिषद की बैठक में 81 फार्मेसी कॉलेजों को संबद्धता प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) ने प्रदेश के 99 कॉलेजों में से 81 कॉलेजों को अनुमति दी है। इन कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया पीपीएचटी (प्रवेश परीक्षा) के आधार पर होगी, जिसका परिणाम पहले ही घोषित किया जा चुका है। DTE अब ऑनलाइन काउंसलिंग के माध्यम से इन कॉलेजों में प्रवेश सुनिश्चित करेगा।
मिली जानकारी के अनुसार कुछ नए कॉलेजों ने भी फार्मेसी कोर्स की शुरुआत के लिए आवेदन दिया हुआ है। जिनका अप्रूवल से पहले निरीक्षण करवाया गया है। प्रशिक्षण में कई तरह की खामियां मिली है जिसके चलते सीएसवीटीयू से इनको अब तक संबद्धता नहीं दी जा सकी है। यूनिवर्सिटी इन संबद्धता देने के बारे में फिलहाल विचार कर रहा है।
12वीं कक्षा के बाद जीव विज्ञान व गणित विषय लेकर बोर्ड परीक्षा तैयार करने वाले विद्यार्थी फार्मेसी कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं। 4 साल का बैचलर ऑफ फार्मेसी कोर्स और 2 साल का डी फार्मेसी कोर्स होता है। फार्मेसी कोर्स में दवाइयों का कंपोनेंट बनाना सिखाया जता है। फार्मेसी कोर्स में प्रवेश के लिए पीपीएचटी प्रवेश परीक्षा ली जाती है। जिसके अंकों के आधार पर एडमिशन दिए जाते है। इस बार पीपीएचटी प्रवेश परीक्षा हो चुकी है और परिणाम भी आ चुके हैं। परीक्षा परिणाम के आधार पर प्रवेश देने की प्रक्रिया की जाएगी।
बिना एंट्रेंस परीक्षा प्रवेश की मांग
फार्मेसी कॉलेजों के संगठन ने पिछले कुछ वर्षों से सीटें न भरने के कारण बिना पीपीएचटी के 12वीं कक्षा के अंकों के आधार पर प्रवेश की मांग की है। हालांकि, इस पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है, और इसकी संभावना भी कम नजर आ रही है, क्योंकि इंजीनियरिंग में भी इसी तरह की मांग सरकार द्वारा अस्वीकृत की गई थी।
नई काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए तकनीकी शिक्षा संचालनालय द्वारा तैयारियां पूरी की जा रही हैं, और नए कॉलेजों को संबद्धता दिए जाने पर भी कार्यपरिषद में विचार किया जा रहा है।