तकनीकी क्षेत्र में युवाओं को स्वावलंबी बना रहा अदाणी फाउंडेशन

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नई दिल्ली । क्या होगा अगर आपसे कहा जाए कि अदाणी कौशल विकास केंद्र (एएसडीसी) के तहत प्रशिक्षित छात्र एंटरप्रेनरशिप और एम्पलाईमेंट के अवसरों के माध्यम से सालाना एक हजार 300 करोड़ रुपये का सृजन कर रहे हैं। ये एक ऐसा इको-सिस्टम है जो देश के युवाओं को सशक्त बना रहा है ताकि वे अपना बिजनेस शुरू कर सकें या नौकरी के लिए तैयार हो सकें।

अदाणी फाउंडेशन ने 16 मई 2016 को सक्षम लॉन्च किया और अब सक्षम अपनी यात्रा के आठ साल पूरे कर चुका है। आज, भारत के 15 राज्यों में 40 अदाणी कौशल विकास केंद्र मौजूद हैं और उन्होंने अब तक 1.5 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया है।

सक्षम प्रोजेक्ट का टेक्नोलॉजी पर खासा जोर रहा है। हम तेजी से डिजिटल दुनिया में प्रवेश कर चुके हैं जहां नौकरी और बिजनेस के कई मौके सामने हैं। बड़े पैमाने पर उपयोग के लिए अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी विकसित करने की बात आती है तो भारत उस दौड़ में सबसे आगे है। डिजिटल पेमेंट का इकोसिस्टम इंटीग्रेशन इसका एक शानदार उदाहरण है। इसने बैंकिंग को आसान बना दिया गया है।

एएसडीसी का सबसे बड़ा स्किल फैसिलिटी सेंटर आंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम में है। ये सेंटर  युवाओं को 21 सिमुलेशन स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के लिए तैयार करता है। ये सिमुलेटर वास्तविक दुनिया के संचालन के लिए आवश्यक आभासी वातावरण बनाकर प्रशिक्षण दे रहे हैं, जिससे कई छात्रों को काफी फायदा हो रहा है।
इनोवेशन के जरिए एएसडीसी ने सस्टेनेबल लाइवलीहुड के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए सभी को ‘सक्षम’ बनाने की दृष्टि से अपने सिलेबस में टेक्नोलॉजी को अपना रहा है। एएसडीसी युवाओं को लगातार नवीनतम सामग्री उपलब्ध कराता रहा है। अब लगभग सभी सामग्री डिजिटल प्रारूप में परिवर्तित कर दिए गए हैं और एएसडीसी द्वारा डिज़ाइन की गई अपनी स्वयं की लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम पर उपलब्ध है। एएसडीसी ने मेटावर्स-आधारित सक्षम प्लेटफॉर्म पर चार ट्रेनिंग प्रोग्राम पेश किए हैं। यहां यह जनरल ड्यूटी असिस्टेंट (जीडीए), बेसिक्स ऑफ फायर सेफ्टी, स्मार्ट मीटर इंस्टालेशन टेक्निशियन और डोमेस्टिक इलेक्ट्रिकल वायरिंग जैसे कोर्स ऑफर किए जाते है।

जीडीए पर मल्टी यूजर कैपेबिलिटी कोर्स वीआर हेडसेट के माध्यम से आभासी वातावरण में सहकर्मी छात्रों के साथ सीखने और सहयोग करने के अवसर प्रदान करता है। दुनिया के किसी भी कोने से छात्र वीआर हेडसेट का उपयोग करके इस कोर्स में शामिल हो सकते हैं। इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए, सीखने को मज़ेदार बनाने के लिए कुछ गेमिफिकेशन और इंटरैक्टिव सत्र भी जोड़े गए हैं।

एएसडीसी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का कोर्स भी शुरु किया है। सक्षम केंद्रों में सिखाए जाने वाले कुछ एआई उपकरण चैटजीपीटी, लियोनार्डो.एआई, सिंथेसिया.आईओ, डीपब्रेन.एआई, कोपायलट, कैनवा और साउंडराव आईओ हैं जो युवाओं को उनके दिन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के व्यावहारिक उपयोग के बारे में विस्तार से जानने में मदद करते हैं- एएसडीसी ड्रोन पायलट, थ्री डी प्रिंटिंग, डेटा एनालिटिक्स और लुकरस्टूडियो, पावरबी और टेबल्यू के माध्यम से डैशबोर्डिंग के साथ डेटा साइंस पर खासा जोर दे रहा है।

एएसडीसी, ना सिर्फ टेक्निकल कोर्स पर ध्यान दे रहा है बल्कि प्लेसमेंट को लेकर भी रुप-तैयार की गई है। यहां के छात्रों की अमेज़ॅन इंडिया और फ्लिपकार्ट में नौकरी भी लग चुकी है।

एएसडीसी के प्रयासों और योगदान को मान्यता मिली है और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों संस्थानों से सराहना और उल्लेखनीय पुरस्कार भी मिले हैं। दिसंबर 2022 में यूएसए में ब्रैंडन हॉल ग्रुप से गोल्ड श्रेणी में ‘बेस्ट एडवांस्ड यूनिक लर्निंग टेक्नोलॉजी’ और दिल्ली में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन इनोवेशन श्रेणी में सीआईआई ने डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन डीएक्स 2023 पुरस्कार से सम्मानित किया है।