शिक्षक केवल ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन के सर्वोत्तम मूल्य भी सिखाता है-डॉ. संजय गुप्ता

कोरबा छत्तीसगढ़


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में हुआ शिक्षक दिवस का भव्य आयोजन, आयोजित हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम

आचार, विचार एवं नवाचार द्वारा शिक्षित करने वाले सभी शिक्षकों को किया गया सम्मान

शिक्षकों के बहुमूल्य योगदान को सम्मान देना भी श्रेयस्कर-श्रीमती ज्योति नरवाल(विशिष्ट अतिथि)

⭕ शिक्षक ना केवल समाज अपितु वह राष्ट्र निर्माता होता-श्री अमित केरकेट्टा मुख्य अतिथि(तहसीलदार दीपका)

⭕ शिक्षक वह प्रकाश है जो सभी की जिंदगी में रोशनी भर देता है-श्री सव्यसाची सरकार, शैक्षणिक प्रभारी

दीपका कोरबा।

जीवन में शिक्षक का किरदार बहुत खास होता है। वे किसी के जीवन में उस बैकग्राउंड म्यूजिक की तरह होते हैं जिनकी उपस्थिति मंच पर तो नहीं दिखती परंतु उसके होने से नाटक में जान आ जाती है। ठीक इसी प्रकार हमारे जीवन में एक शिक्षक की भी भूमिका होती है। चाहे आप जीवन के किसी भी पड़ाव पर हों, शिक्षक की आवश्यकता सबको पड़ती है। ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक शिक्षक ही होते हैं। जिसका इस्तेमाल कर वह हमारे जीवन के लिए हमें विकसित और तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सबको दरकिनार कर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी का अच्छे से निर्वाह करते हैं। अतः स्वयं हमें यह समझना होगा कि वे हमारे समाज और राष्ट्र के निर्माता हैं।


हर वर्ष 5 सितंबर को हमारे निःस्वार्थ शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता है।हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टि से तो बेहतर बनाते ही हैं साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते हैं। जीवन में अच्छा करने के लिए वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। यह सर्वविदित है कि हमारे जीवन को सँवारने में शिक्षक एक बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। सफलता प्राप्ति के लिए वो हमें कई प्रकार से मदद करते हैं। हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। अतः अपने निष्ठावान शिक्षक के लिए हमारी भी कुछ जिम्मेदारी बनती है।


इंडस पब्लिक स्कूल दीपका में शिक्षक दिवस समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिक्षकों के स्वागत के पश्चात विभिन्न आकर्षक सांँस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा दी गई । कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के तैल्या चित्र में विद्यालय के सम्माननीय प्राचार्य महोदय ,मुख्य अतिथि श्री अमित केरकेट्टा(तहसीलदार दीपका),श्रीमती ज्योति नरवाल(विशिष्ट अतिथि),श्री सब्यसाची सरकार(शैक्षणिक प्रभारी)के कर कमलों से माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन से हुई।

तत्पश्चात विद्यार्थियों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई जो शिक्षकों को समर्पित थी। टीचर्स के लिए विद्यार्थियों ने विभिन्न आकर्षक गेम्स का भी प्रबंध किया था। सभी शिक्षक शिक्षिकाओं ने इन गेम्स का भरपूर आनंद लिया। विद्यार्थियों ने शिक्षकों के साथ अंताक्षरी का भी भरपूर आनंद लिया । सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में केक कटिंग कर सम्मान देते हुए मनाया गया इस केक कटिंग सेरेमनी में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाएँ एवं छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे ।


कक्षा 11 वीं एवं 12 वीं के विद्यार्थियों ने आकर्षक नृत्य की प्रस्तुति दी। कक्षा 12 वीं की छात्रा राज नंदिनी(हेड गर्ल) ने अंग्रेजी में टीचर्स को डेडीकेटेड स्पीच दिया।राजनंदिनी ने अपनी स्पीच में बताया कि जीवन के रंग से अंत तक गुरु और गुरु का ज्ञान हमारे साथ रहता है।हम उनके एहसानों को जिंदगी भर नहीं भुला सकते।
कक्षा 12 वीं की छात्रा गामिनी प्रजापति एवं सुमन ने अपने उद्बोधन में गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरु के बिना जीवन शून्य है वही आदि है वही अंत है। संपूर्ण सृष्टि में गुरु का स्तन अद्वितीय है। गुरु हमें सही गलत का ज्ञान करते हैं तथा जीवन जीने की कला दिखाते है,गुरु तो उस मोमबत्ती के तरह होता है, जो स्वयं जलकर चारों ओर प्रकाश फैलाता है। तत्पश्चात विद्यालय प्रबंधन ने इंडस पब्लिक स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं को आकर्षक उपहारों से मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के द्वारा सम्मानित किया।


कक्षा 12 वीं की छात्रा रेशमा ने कहा कि शिक्षक ना केवल समाज अपितु वह राष्ट्र निर्माता होता है। शिक्षक ना सिर्फ हमें पढ़ाते हैं अपितु वो हमारे व्यक्तित्व का विकास कर हमारे कौशल स्तर को भी सुधारते हैं। हमें समाज के प्रत्येक तबके का सम्मान करना चाहिए क्योंकि हमें समाज के प्रत्येक व्यक्ति से कुछ ना कुछ अवश्य सीखते हैं। हमें जीवन भर शिक्षकों के प्रति सम्मान का दीप हृदय में प्रज्जवलित रखना चाहिए। शिक्षक हमारे जीवन में आत्मविश्वास का संचार कर हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।कार्यक्रम की सफलता में कक्षा 11 वीं तथा 12 वीं के विद्यार्थियों सहित पूरे विद्यालय परिवार का सहयोग रहा।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के हेड बॉय मास्टर समीर पोद्दार ने किया।
श्री अमित केरकेट्टा (तहसीलदार दीपका) ने अपने प्रेरक उद्बोधन मेंं कहा कि गुरु से ही जीवन शुरू होता है।गुरु है तो जीवन में सब है।पूरे कायनात में यदि हमें किसी से भी कुछ भी सीखने को मिले तो वह हमारा गुरु होता है।गुरु का सम्मान अनादि काल से रहा है और रहेगा।आज आम जो हैं,जैसे हैं,सभी हमारे गुरुओं की ही बदौलत हैं।गुरु हमें जीवन के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सहायता करते हैं और हमें बड़ों के प्रति सम्मान और सही और गलत के बीच अंतर जैसे आवश्यक मूल्य सिखाते हैं। वे हमें ज्ञान, कौशल और सकारात्मक व्यवहार से सिखाते हैं जो हमें अपने जीवन में भटकने से दूर रखते हैं।
श्रीमती ज्योति नरवाल (विशिष्ट अतिथि) ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु हमेशा मनुष्य के मार्गदर्शक रहे हैं। गुरु मनुष्य के जीवन से अंधकारमय अज्ञान का कार्य करते हैं। अज्ञानता दूर करके ज्ञान का प्रकाश देकर उसे मोक्ष के द्वार तक पहुंचाने का काम गुरू ही करते हैं। गुरू नाम मे ही सम्मान और शिक्षा का भाव होता हैं। इंसान अपने जीवन मे सबकुछ कर सकता है परंतु वो जो कर रहा हैं, वो काम सही है या नहीं ये जानने की सिख उसे गुरु से मिलती है। एक दूसरे का सम्मान करना और अपने देश से प्रेम करना गुरु से ही सीखने को मिलता है। हमे जीवन हमारे माता- पिता से मिलता है, और जीवन जीना गुरू सिखातें हैं।
श्री सव्यसाची सरकार, शैक्षणिक प्रभारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि शिक्षकों के महत्व को हम किसी शब्दों में नहीं बाँध सकते । शिक्षकों के एहसान को नहीं चुका सकते। वे अंधेरे में रोशनी की किरण होते हैं। वे मायूस चेहरे की मुस्कान होते हैं। वे उम्मीद की किरण होते हैं। हमें अपने जीवन में शिक्षकों के द्वारा दी गई प्रत्येक शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए।
विद्यालय के प्राचार्य डॉ. संजय गुप्ता ने कहा कि किसी भी पेशे की तुलना अध्यापन कार्य से नहीं की जा सकती यह दुनिया का सबसे नेक कार्य है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही अध्यापन के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिए शिक्षक दिवस को मनाया जाता है। शिक्षक एक सभ्य समाज का निर्माण करता है। शिक्षक एक व्यक्ति को कुशल नागरिक बनाता है। शिक्षक वह प्रकाश है जो सभी की जिंदगी में रोशनी भर देता है। शिक्षक एक मोमबत्ती रुपी ज्ञान का उजाला है जो लोगों को अँधेरे से निकाल कर प्रकाश की ओर ले जाती है।
सामान्य तौर पर, गुरु एक आध्यात्मिक शिक्षक, सलाहकार और मार्गदर्शक होता है जो अपने शिष्यों या अनुयायियों को उनकी आध्यात्मिक यात्रा पर मार्गदर्शन, ज्ञान और सहायता प्रदान करता है। शब्द “गुरु” संस्कृत से आया है और इसका अनुवाद “अंधकार को दूर करने वाला” या “अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला” के रूप में किया जा सकता है।
गुरु का जीवन में अत्यधिक महत्व है, क्योंकि गुरु हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और नैतिक शिक्षा प्रदान करते हैं। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में गुरु की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, चाहे वह शिक्षा, करियर, आध्यात्मिकता, या व्यक्तिगत विकास हो। गुरु हमें सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं, हमारे संदेह दूर करते हैं और हमें हमारे लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता करते हैं।
गुरु के बिना जीवन में सही दिशा पाना कठिन हो सकता है, क्योंकि वे न केवल हमें ज्ञान देते हैं, बल्कि हमारे व्यक्तित्व का निर्माण भी करते हैं। गुरु का आशीर्वाद और सीख जीवन को सफल, सुखी और सार्थक बनाती है। गुरु के प्रति सम्मान और श्रद्धा जीवन में समृद्धि और संतोष का मार्ग प्रशस्त करती है।