Sunday, May 25, 2025

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अडानी प्लांट में श्रमिक की मौत

औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की अनदेखी उजागर

कोरबा //
शनिवार को जिले की उरगा स्थित अडानी पॉवर प्लांट में एक मजदूर की मौत ने एक बार फिर से औद्योगिक सुरक्षा व्यवस्था की गंभीर अनदेखी को उजागर कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कापन निवासी सतीश शांडिल्य 30 वर्षीय की जान उस वक्त चली गई जब वह निर्माण स्थल पर कार्यरत था और मिट्टी धंसने की चपेट में आ गया। मृतक प्लांट में एक ठेका कंपनी के माध्यम से वेल्डिंग हेल्पर के रूप में कार्य कर रहा था।प्रत्यक्षदर्शियों और मजदूरों का आरोप है कि प्लांट में सुरक्षा मानकों की भारी अनदेखी की जा रही है। न तो मजदूरों को उचित सुरक्षा उपकरण दिए जाते हैं और न ही उन्हें किसी प्रकार का प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाता है। निगरानी और आपातकालीन व्यवस्थाओं का भी पूरी तरह अभाव है। मजदूरों का कहना है कि उन्हें बिना सेफ्टी गियर के खतरनाक क्षेत्रों में काम पर लगा दिया जाता है, जिससे किसी भी समय जानलेवा दुर्घटना हो सकती है।स्थानीय मजदूर संगठनों ने इस घटना को “हादसा” मानने से इनकार करते हुए इसे “लापरवाही से हुई हत्या” करार दिया है। उनका कहना है कि कंपनी के लिए मजदूर की जान की कीमत एक उपकरण से भी कम है, और सतीश की मौत इसका स्पष्ट प्रमाण है। इस घटना के बाद श्रमिक संगठनों में रोष है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सतीश शांडिल्य के परिवार को मुआवजा दिया जाए, ठेका कंपनी की जिम्मेदारी तय की जाए, और प्लांट की सुरक्षा व्यवस्था की उच्च स्तरीय जांच हो। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
क्या सुरक्षा की अनदेखी के कारण किसी और सतीश की जान जाएगी? क्या प्रशासन और कंपनी इस मौत को केवल आंकड़ा मानकर आगे बढ़ जाएंगे? कब तक ठेका मजदूरों की जान जोखिम में डालकर उद्योग मुनाफा कमाते रहेंगे? यह घटना न केवल एक व्यक्ति की मौत है, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा को लेकर लापरवाही के उस ढांचे की पोल खोलती है, जिसे सुधारने की ज़रूरत अब टाली नहीं जा सकती।

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