

अफसरों के घर पहुंची ACB और EOW की टीम
रायपुर//
एंटी करप्शन ब्यूरो और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो की कार्यवाही आज सुबह से अफसरों के यहां जारी है। एसीबी और ईओडब्लू के द्वारा सुकमा के निलंबित डीएफओ अशोक पटेल और सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग जगदलपुर आनंद सिंह के ठिकानों पर छापा मारा है। सुबह 6:00 से दोनों के ठिकानों पर एसीबी की टीम पहुंची हैं।। सुरक्षा के लिए हाथ से लोकल पुलिस को भी बुलाया गया है। निवास और कार्यालय के सामने पुलिस बल तैनात कर अंदर जांच कार्यवाही जारी है।
सुकमा में अशोक पटेल डीएफओ थे। तीन मार्च को उन्हें 6 करोड़ रुपए के तेंदूपत्ता प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि में घोटाले के मामले में सरकार ने निलंबित कर दिया था। वे राजवंश सेवा के अधिकारी थे। आईएफएस अवॉर्ड होने के बाद 2015 में भारतीय वन सेवा के अफसर बने थे। उनके निलंबन के पश्चात सुकमा जिले के उनके शासकीय घर समेत सुकमा डीएफओ कार्यालय में भी छापा मारा गया है। अशोक पटेल से जुड़े कारोबारियों के निवास और ठिकानों पर भी छापेमारी की गई है। कोंटा और छिंदगढ़ में कई ठिकानों पर पूछताछ और रेड की कार्यवाही जारी है। दसवीं बस्तर के नए जिलों में छापेमारी की गई है। छापेमारी के जद में कई कारोबारी भी आए हैं।
सुकमा के अलावा रायगढ़ जिले के कृष्ण वाटिका कॉलोनी स्थित बेवफा अशोक पटेल के निवास और पुसौर ब्लॉक में स्थित उनके पैतृक गांव झालमुडा में भी एसीबी की टीम पहुंची हैं और जांच कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार सुबह 6:00 बजे एसीबी और ईओडब्लू की अलग अलग टीमों ने सुकमा से लेकर रायगढ़, छिंदगढ़,कोंटा समेत सभी जगहों पर एक साथ छापा मारा है।
इसके अलावा जगदलपुर में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग आनंद सिंह के ठिकानों पर भी छापा मारा गया है। उनके तीन ठिकानों पर आर्थिक अपराध शाखा और एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम पहुंची है। विभाग में सप्लाई और खरीदी में अनियमितता तथा वित्तीय धांधली से जुड़ा मामला होने के चलते छापा मारा गया है। जानकारी के अनुसार यह पूरा मामला डीएमएफ मद से हुए खर्चे और खरीदी से जुड़ा हुआ है। सहायक आयुक्त आनंद सिंह के बीजापुर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर आवास में छापा मारा गया है।
जानकारी के मुताबिक छापेमारी में बड़ी मात्रा में नगदी, बैंक अकाउंट डिटेल्स, डिजिटल डेटा, संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और कई संदिग्ध लेनदेन की जानकारी सामने आने की बात सामने आई है। हालांकि अभी आधिकारिक पुष्टि होना शेष है। छापेमारी के दौरान लोकल पुलिस को भी बुलवाया गया है और बाहर तैनाती कर अंदर जांच की जा रही है। किसी के अंदर–बाहर जाने पर रोक लगाई गई है। छापेमारी के बाद अफसरों के अलावा अन्य पर बड़ी कार्यवाही की गाज गिरने की संभावना है।