डीन के खिलाफ सुरक्षाकर्मियों ने खोलो मार्चा
कोरबा //
जिला अस्पताल के मेडिकल कॉलेज में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने डीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सुरक्षाकर्मियों का आरोप है कि जिला मेडिकल कॉलेज के डीन ने नाइट ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मी दिलीप कुमार को सरेआम थप्पड़ मार दिया है।
इसके बाद अस्पताल परिसर में सुरक्षा कर्मियों के द्वारा ड्यूटी नहीं करते हुए प्रदर्शन किया । कोरबा जिला चिकित्सालय में पदस्थ सुरक्षा गार्ड दिलीप कुमार यादव लगभग 2:00 से 3:00 बजे के बीच अपने ड्यूटी पर था इसी दौरान वहां पदस्थ डॉक्टर जीएस कंवर शराब के नशे में था और वहां मरीज का इलाज नहीं हो पा रहा था आपातकालीन के पास इलाज नहीं होने के कारण भीड़ जैसी स्थिति निर्मित हो गई थी इसी दौरान जिला अस्पताल में पदस्थ डीन कमल किशोर सहारे मौके पर पहुंचे और सुरक्षा में तैनात गार्ड दिलीप कुमार यादव को दो झापड़ मार दिया और गाली देते हुए उन्हें जलील किया इस घटना के बाद अस्पताल में तैनात सुरक्षा गार्डो के बीच तनाव का माहौल बन गया और सभी माफी मांगने की बात पर लड़ गए आज सुबह से ही सुरक्षा कर्मी अस्पताल परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
सुरक्षा कर्मियों का कहना है यदि गार्ड की कोई गलती थी तो उसे भले नौकरी से हटा देते लेकिन उसे सबके सामने गाली देते हुए जलील किया गया जिससे सभी कर्मचारियों के मान सम्मान को ठेस पहुंचा है।जिला अस्पताल के डीन का इस तरह का व्यवहार उनके सामान्य आचरण के विपरीत स्वेच्छाचारिता को दर्शाता है ।
इस मामले में डीन ने अपना पक्ष रखते हुए मारपीट की घटना एक सिरे से खारिज कर दिया है उन्होंने कहा किसी तरह की मारपीट नहीं हुई है ड्यूटी में तैनात कर्मचारी ड्यूटी नहीं कर रहा था वह मोबाइल देख रहा था इसलिए उन्हें डांटा गया।वहीं अस्पताल में तैनात सुरक्षा कर्मियों की माने तो मामले का पूरा वीडियो सीसीटीवी में कैद है और अटेंडर भी मारपीट का प्रत्यक्षदर्शियों में से एक है।
सुरक्षाकर्मियों की मांग है कि डीन सार्वजनिक रूप से उससे माफी मांगे नहीं तो वह काम पर नहीं जाएंगे और इसकी शिकायत पुलिस से करेंगे। हालांकि डीन केके सहारे ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों से बातचीत कर उन्हें मना लिया गया है और सभी काम पर वापस लौट गए हैं।
जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर GS कंवर MBBS पर शराब पीकर कार्य करने का आरोप लगा है इस मामले पर भी कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि किसी भी मरीज को अव्यवस्था का सामना करना ना पड़े।अब देखना होगा इस मामले में अस्पताल प्रबंधन की ओर से किस तरह की कार्रवाई की जाती है।