इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के विद्यार्थियों ने स्वामी विवेकानंद जी के वेश भूषा में स्वयं को सुसज्जित कर स्वामी विवेकानंद जी को दिया सम्मान
स्लोगन राइटिंग,ड्राइंग,सुलेख,निबंध लेखन ,बाद विवाद एवं क्विज प्रतियोगिता में आईपीएस दीपका के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़कर लिया हिस्सा एवं स्वामी विवेकानंद जी को किया नमन
आईपीएस दीपका में युवादिवस के अवसर पर आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताएँ
दीपका-कोरबा //
‘‘जितना कठिन संघर्ष होगा,जीत उतनी ही शानदार होगी ।’’ यह कथन उस महान व्यक्तित्व का है जिन्होंने अपने अल्प जीवन में ही पूरी सृष्टि के युवाओं में प्रेरणा का एक अलख जगा दिया। जिन्हें सारी दुनिया स्वामी विवेकानंद के नाम से जानती है।प्रेरणा के अपार स्रोत स्वामी विवेकानंद की कही एक-एक बात हमें ऊर्जा से भर देती है।षिकागो में दिया गया उनका भाषण आज भी लोकप्रिय है और हमें हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का आभाष कराता है।
12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में जन्मे स्वामी विवेकानंद जिन्होंने अमेरिका और यूरोप में वेदांत के दर्शन का न केवल प्रचार -प्रसार किया अपितु पूरे विष्व में भारत का परचम लहरा दिया।
‘‘उठो जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो।’’
स्वामी जी ने राष्ट्र की युवा शक्ति को जागृत करने के लिए पुरजोर संघर्ष किया।उनके शब्द-उठो मेरे शेरों,इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो,तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद जीव हो, धन्य हो, सनातन हो, तुम तत्व नहीं हो,न ही शरीर हो, तत्व तुम्हारा सेवक है, तुम तत्व के सेवक नहीं हो।
राष्ट्र को एक नई दिषा, नई सोच देने वाले इस प्रेरणादायी व्यक्तित्व का जन्मोत्सव प्रतिवर्ष 12 जनवरी को युवा दिवस के रुप में मनाया जाता है।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल में कल के युवा और आज के बच्चों को धैर्यवान,संघर्षरत एवं कार्य-कुषल बनाने के उद्देष्य से प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस (युवा दिवस ) पर स्वामी जी के प्रेरणादायी शब्दों को स्वीकार करने हेतु अनेक प्रतियोगिताएँ,जिनमें चित्र बनाओ,रंग भरो प्रतियोगिता, वादविवाद,भाषण,स्लोगन राइटिंग,सुलेख लेखन,निबंध प्रतियोगिता,क्विज कंपटीशन, स्वामी जी युवाओं के प्रेरणा स्रोत आदि विषयों पर आयोजित की गई। जिनमें प्राइमरी स्तर से उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक कक्षा तक के विद्यार्थियों ने उत्साह के साथ भाग लिया।सभी प्रतियोगिताओं में विषिष्ट स्थान अर्जित करने वाले बच्चों को युवा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विद्यालय के मंच से पुरस्कार प्रदान किया गया।
स्वामी विवेकानंद जी के विचार ने ही लाखों जीवन को बदला है।स्वामी जी के कथन को दोहराते हुए विद्यालय के
शिक्षक श्री हेमलाल श्रीवास ने कहा कि स्वामी जी भारत ही नहीं अपितु पूरी दुनिया के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनके प्रत्येक कथनों का यदि आज का युवा अक्षरषः पालन करे तो वह कभी भी पथभ्रष्ट नहीं होगा और दुनिया फिर से स्वर्ग बन जाएगी।
स्वामी जी के आदर्शों एवं राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी को बच्चों को बताते हुए विद्यालय प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि ब्रम्हांड की सारी शक्तियाँ हमारे अंदर निहित हैं। अच्छा जीवन वही लोग जीते हैं जो इन शक्तियों को पहचान कर लोकहित में कार्य करते हैं।सभी के जीवन में ऐसा समय जरुर आता है जब व्यक्ति ये अनुभव करता है हमें अपनी मदद स्वयं करनी चाहिए।स्वयं का सबसे अच्छा मित्र और शत्रु मनुष्य स्वयं ही होता है।डॉक्टर गुप्ता ने स्वामी जी के आदर्शों को बच्चों को समझाते हुए कहा कि युवा शक्ति से ही राष्ट्र का विकास संभव है।हर युवा को स्वामी जी के आदर्षों को अपनाकर राष्ट्र निर्माण का कार्य करना चाहिए।