आरएसएस, एबीवीपी से सीखा संगठन का अनुशासन
कांग्रेस शासनकाल में दमदार विपक्षी युवा नेता के रूप में उभरे
कोरबा //
कोरबा ज़िले के युवाओं को अपनी नेतृत्व एवं सांगठनिक क्षमता से जोड़े रखने में माहिर भारतीय जानता युवा मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य युवा नेता बद्री अग्रवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष के दावेदारों में युवाओं की पहली पसंद बने हुए हैं ।
विदित हो कि इन दिनों भारतीय जनता पार्टी में संगठन पर्व के तहत निर्वाचन की प्रक्रिया चल रही है, इस कड़ी में भाजपा संगठन की रीढ़ कही जाने वाली भारतीय जनता युवा मोर्चा में भी मण्डल, ज़िला व प्रदेश में नई नियुक्तियाँ होंगी ।
रह चुके हैं पदों पर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक को भाजपा का मातृ संगठन कहा जाता है, बचपन से ही आरएसएस की शाखाओ में हिस्सा लेने वाले बद्री अग्रवाल में अनुशासन की शिक्षा यहीं से सीखा है । राष्ट्रवाद की विचारधारा से पुष्पित होकर उन्होंने विद्यार्थी जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में छात्र हित के लिए निरंतर सक्रियता पूर्वक कार्य किया । एबीवीपी में नगर मंत्री, जिला संयोजक , बिलासपुर विभाग सह संयोजक के पद पर उन्होंने कार्य किया है । भाजपा कोसाबाड़ी मण्डल कार्यसमिति सदस्य,युवा मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य,एवं मरवाही विधानसभा के प्रभारी बतौर सक्रिय रह चुके हैं । कार्यकर्ताओं का कहना है कि बद्री अग्रवाल को ज़िम्मेदारी मिली तो वे कंधे से कंधा मिलाकर पार्टी को और मज़बूत करेंगे|
कांग्रेस शासन काल में विपक्षी युवा नेता के रूप में जनहितों के लिए किया संघर्ष
पिछले कांग्रेस शासन काल में वे लगातार जनहितों के लिए संघर्षरत रहे । एक लीडर में यही गुण महत्वपूर्ण होता है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में नहीं है तो वह दमदार विपक्ष की भूमिका निभाये, 2018-2023 तक उन्होंने कांग्रेस सरकार के जनविरोधी कार्यों के विरुद्ध आम जनता की लड़ाई लड़ी ।भाजपा के प्रत्येक आंदोलन में बढ़चढ़ के हिस्सा लिया और दमनकारी कांग्रेस सरकार के ख़िलाफ़ मुखर होकर विरोध किया, रायपुर, कोरबा समेत अनेक आंदोलनों में सम्मिलित हुए| कोरोना काल में बढ़चढ़ कर लोगो की मदद की साथ ही वेक्सिन परीक्षण के लिए अपने देहदान की घोषणा भी की थी|