मामला – आदिवासियों की जमीन को रजिस्ट्री करा दी गैर आदिवासी के नाम पर
सक्ती उप पंजीयक रहने के दौरान की गई गड़बड़ी पर कमिश्नर ने की कार्यवाही
बिलासपुर।
बिलासपुर संभाग कमिश्नर महादेव कावरे ने उप पंजीयक को निलंबित किया है। आदिवासियों की जमीन को बगैर कलेक्टर की अनुमति के गैर आदिवासी के नाम पर रजिस्ट्री करने पर संभाग आयुक्त ने कार्यवाही की है। सक्ती जिले के तत्कालीन उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को कमिश्नर ने निलंबित कियाहै। ख़ेमुका वर्तमान में बिलासपुर जिले में पदस्थ है।
पूरा मामला बिलासपुर संभाग के सक्ती जिले से जुड़ा हुआ है। प्रतीक खेमुका तत्कालीन उप पंजीयक के पद पर सक्ती में पदस्थ थे। अपनी पदस्थापना के दौरान ग्राम कंचनपुर तहसील सक्ती जिला सक्ती स्थित भूमि खसरा नंबर 14/3 रकबा 0.12 एकड़ आदिवासी विक्रेता जानकीबाई पति गणेश राम, कुमारी ममता बाई पिता गणेश राम, कुमारी पद्मिनी पिता गणेश राम, सोनू और हिमांशु गोड़ पिता गणेशाराम सभी जाति गोड़ निवासी ग्राम बोरदा पोस्ट जाजंग, तहसील सक्ती, जिला सक्ती से गैर आदिवासी क्रेता मुस्कान बंसल पति आयुष बंसल निवासी झुलकदम टेमर रोड़,बंसल भवन सक्ती जिला सक्ती के पक्ष में कलेक्टर के अनुमति के बिना विक्रय पत्र का निष्पादन कर दिया। जो कि भू राजस्व संहिता की धारा 165(6) का स्पष्ट उल्लंघन है। तथा ख़ेमुका का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत है।
Sub-registrar suspended सक्ती कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने मामले को संभाग आयुक्त महादेव कावरे के संज्ञान में लाया। जिसके बाद प्रतीक ख़ेमुका तत्कालीन उपपंजीयक सक्ती ( वर्तमान में उप पंजीयक बिलासपुर) को उनके कृत्य के लिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9(1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में खेमुका का मुख्यालय जिला पंजीयन कार्यालय बिलासपुर नियत किया गया है।
Sub-registrar suspended उप पंजीयक प्रतीक खेमुका को सक्ती उप पंजीयक रहने के दौरान की गई गड़बड़ी पर निलंबित किया गया है। पर वर्तमान में उनकी पदस्थापना बिलासपुर में उप पंजीयक के पद पर थी। उनके निलंबन के बाद भी उनके कार्यालय जिला पंजीयन कार्यालय बिलासपुर निलंबन अवधि में नियत किया गया है। अमूमन देखा जाता है कि जहां से किसी शासकीय अधिकारी या कर्मचारी को पदस्थापना के दौरान निलंबित किया जाता है तो उस जगह से हटाकर निलंबन अवधि में कार्यालय नियत किया जाता है। पर खेमुका को बिलासपुर से निलंबित होने के बाद बिलासपुर कार्यालय में ही उनका मुख्यालय नियत किया गया है।
नीचे पढ़ें आदेश में क्या लिखा है …………………..