Wednesday, December 18, 2024

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30 वें सीबीएसई राष्ट्रीय सम्मेलन में इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉ. गुप्ता ने व्यक्त किए अपने विचार

BJP NARENDRA DEWANGAN

कोलकाता में संपन्न हुआ 30 वें सीबीएसई राष्ट्रीय सम्मेलन 

इंडस पब्लिक स्कूल दीपका के प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने सीबीएसई द्वारा लिए गए विशेष निर्णय के बारे में साझा की विशेष जानकारी,जिससे लाभान्वित होंगे सभी अभिभावक एवं विद्यार्थी

दीपका- कोरबा //
सीबीएसई का उद्देश्य छात्रों की शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक भलाई के लिए अधिगम को सुगम करना है।सीबीएसई एक मजबूत, जीवंत और समग्र स्कूली शिक्षा को बढ़ावा देता है जो मानव प्रयास के हर क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदान करेगा। बोर्ड अपने शिक्षार्थियों के बीच बौद्धिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवंतता को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कोलकाता में 30वें सीबीएसई राष्ट्रीय सम्मेलन में आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए कई महत्वपूर्ण अपडेट और पहलों पर प्रकाश डाला गया। डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि इस सम्मेलन में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों दोनों को ही डायन में रखते हुए कई विशेष निर्णय लिए गए।डॉक्टर संजय गुप्ता ने बताया कि सीबीएसई समय समय पर कई विशेष निर्णय विद्यार्थियों के हित में लेती है जिससे हम सभी को अपडेट रहना अति आवश्यक है।ऐसे ही कुछ विशेष एवं आवश्यक निर्णय विगत 30 नवंबर 2024 को आयोजित एक सम्मेलन में लिया गया जो निश्चित तौर पर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों तथा विद्यालयों के साथ एक बेहतर सामंजस्य स्थापित करने में मददगार होगा।इस सम्मेलन में कई नए व अति महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए,जिनमें से कुछ बिंदु इस प्रकार हैं,
1. सफल (स्कूल असेसमेंट फॉर एडवांसिंग लर्निंग): यह मूल्यांकन ढांचा सभी सीबीएसई-संबद्ध स्कूलों के लिए शैक्षणिक वर्ष 2025-26 से अनिवार्य होगा ताकि छात्रों के सीखने के परिणामों को बढ़ाया जा सके।
2. एसक्यूएएएफ (स्कूल गुणवत्ता मूल्यांकन और मान्यता ढांचा): यह ढांचा सीबीएसई स्कूलों में उच्च गुणवत्ता वाली प्रथाओं के सत्यापन और कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा।
3. विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के दो स्तर: सीबीएसई ने कक्षा IX और X में विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए प्रश्नपत्रों के दो स्तरों को पेश करने की योजना बनाई है, जो गणित में मौजूदा दो स्तरों के समान हैं, जो विभिन्न छात्र दक्षताओं को पूरा करते हैं।
4. अनिवार्य एचपीई (स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा): स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा सभी कक्षाओं के पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा बन जाएगी।
5. शिक्षक मूल्यांकन और स्व-मूल्यांकन: पेशेवर विकास और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए शिक्षक मूल्यांकन और स्व-मूल्यांकन के लिए एक विशेष प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
6. एनसीएफ एफएस एंड एसई का कार्यान्वयन: सीबीएसई स्कूलों में फाउंडेशन स्टेज और माध्यमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा का 100% रोलआउट होगा।
7. मानसिक स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा पर ध्यान: छात्रों की भलाई और सुरक्षा को संबोधित करने के लिए स्कूल मानसिक स्वास्थ्य और साइबर सुरक्षा शिक्षा को प्राथमिकता दिया जाएगा।
8. पर्यावरण जागरूकता: छात्रों के बीच पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने के लिए पाठ्यक्रम में व्यावहारिक अनुभव और गतिविधियाँ शामिल की जाएंगी।
स्कूलों का मुख्य उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है,इसी उद्देश्य को लेकर बच्चो को पर्यावरण के बारे मे जागरुक कर पेड़ों के महत्व को बताया गया साथ ही बच्चों की वृक्षारोपण मे सहभागिता रखी,बच्चे ही देश के भविष्य हे इन्हे पर्यावरण के प्रति जागरुक करना आवश्यक है।
डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य शिक्षा की समग्र गुणवत्ता को बढ़ाना, समकालीन चुनौतियों के साथ तालमेल बिठाना और छात्रों और शिक्षकों के लिए समग्र विकास सुनिश्चित करना है। कुल।मिलाकर यदि इस सम्मेलन के सारांश की बात करें तो अब शिक्षा का एक मात्रा उद्देश्य विद्यार्थियों की सम्पूर्ण समझ विकसित करना तथा भावी चुनौतियों एवं नवीन कौशलों के लिए तैयार करना होगा। सीबी एसई बोर्ड को कई प्रतियोगी परीक्षाओं से पहले सीखने का अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है। प्रत्येक पाठ्यक्रम बहुत महत्वाकांक्षी छात्रों को तैयार करने के लिए बनाया और डिज़ाइन किया गया है, इससे उन्हें आईआईटी-जेईई, एआईईई और एम्स जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलती है।प्रत्येक स्कूल का सबसे महत्वपूर्ण कार्य बालकों का नैतिक तथा चारित्रिक विकास करना है।शिक्षा का उद्देश्य मात्र शिक्षित होना नहीं होता, बल्कि शिक्षा के कई अन्य मकसद होते हैं, जिसे कई शिक्षा के विद्वानों ने अलग-अलग तरीके से परिभाषित किया है। चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व का विकास, नागरिक और सामाजिक कर्तव्यों का पालन, सामाजिक सुख और कौशल की उन्नति, राष्ट्रीय संस्कृति का संरक्षण और प्रसार शामिल है। सीबीएसई द्वारा इन सभी पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कर एक व्यापक रूपरेखा बनाने पर जोर दिया गया।

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