कांकेर । कांकेर जिले के दुधावा इलाके में तेंदुए ने दहशत मचा रखी है। पिछले कुछ दिनों में तेंदुआ चार बच्चों पर हमला कर चुका है, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। ग्रामीण अब दहशत में जी रहे हैं, और शाम होते ही घरों में कैद हो जाते हैं।
ताजा घटना 1 अक्टूबर की शाम को दुधावा के पटेलपारा में घटी। 11 साल का नीरज ध्रुव अपने चाचा के घर जा रहा था, जब अचानक तेंदुए ने उस पर हमला कर दिया। तेंदुए ने बच्चे को गर्दन से पकड़ लिया और जंगल की ओर भागने लगा। तभी उनका पालतू कुत्ता शेरा सामने आ गया और तेंदुए से भिड़ गया। शेरा ने तेंदुए का पीछा किया और उस पर हमला किया। कुत्ते के हमले से घबराकर तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग गया।
परिजनों ने तुरंत नीरज को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे खतरे से बाहर बताया। यह घटना पूरे गांव में चर्चा का विषय बन गई है, और ग्रामीण तेंदुए के आतंक से परेशान हैं।
पहले हो चुकी है एक बच्चे की मौत
इससे पहले तेंदुआ इलाके में तीन बच्चों पर हमला कर चुका है, जिनमें से एक बच्चे की मौत हो गई है, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। इन घटनाओं के बाद से गांववालों में खौफ का माहौल है। ग्रामीणों ने रात के समय बाहर निकलना बंद कर दिया है और खासकर बच्चों को घर के अंदर ही रखा जा रहा है।
वन विभाग पर लापरवाही के आरोप
गांववालों का आरोप है कि तेंदुए के आतंक की जानकारी होने के बावजूद वन विभाग की टीम ने तेंदुए को पकड़ने के लिए सक्रियता नहीं दिखाई है। हालांकि, वन विभाग का दावा है कि तेंदुए को पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं और इसके लिए रायपुर से एक्सपर्ट की टीम कांकेर भेजी गई है। अधिकारी आश्वासन दे रहे हैं कि जल्द ही तेंदुए को पकड़ लिया जाएगा, जिससे गांव में शांति लौट सके।
डीएफओ आलोक बाजपाई ने बताया की वन विभाग की टीम रोजाना इलाके में गस्त कर रही है। रायपुर से भी एक्सपर्ट की टीम आ चुकी है, जो लगातार तेंदुए को ट्रैक करने की कोशिश कर रही है। तेंदुए को रेस्क्यू कर दूर जंगल में छोड़ने की प्लानिंग है। ग्रामीणों को अब वन विभाग की टीम से तेंदुए को जल्द से जल्द पकड़ने की उम्मीद है, ताकि वे बिना किसी डर के सामान्य जीवन जी सकें।