सफलता की कहानी : जिले के किडनी मरीजों को निःशुल्क डायलिसिस से मिल रहा राहत

छत्तीसगढ़ महासमुंद

महासमुंद । प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम (जीवनधारा) अंतर्गत शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंद्ध चिकित्सालय महासमुंद में डायलिसिस सेंटर की स्थापना की गई है। जिसका सकारात्मक परिणाम जिले के किडनी के मरीजों को मिल रहा है। अभी तक प्रति दिवस तीन डायलिसिस सेशन प्रति मशीन के अनुसार अब तक 16828 सेशन किए गये है। 

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पी. कुदेशिया ने बताया कि प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम अंतर्गत निःशुल्क डायलिसिस सुविधा दी जा रही है। अस्पताल में इस समय डायलिसिस हेतु 05 मशीन लगाई गई है। मशीनों द्वारा लगभग 04 घंटे में डायलिसिस की प्रक्रिया पूरी होती है, मरीज स्थिति के अनुसार मरीज को माह में 08 से बारह बार तक डायलिसिस करवाना पड़ सकता हैं। वर्तमान में डायलिसिस यूनिट में 49 एक्टिव मरीज पंजीकृत है, जो नियमित रूप से डायलिसिस करवाने आते है। उक्त पांच मशीनों में से एक मशीन हेपेटाइटिस सी के मरीजों के लिए कार्य कर रही है। डायलिसिस के लाभ ले रहे महासमुंद नगर के निवासी 56 वर्षीय रवि तिवारी के साथ आये उनके बेटी वर्षा तिवारी ने बताया कि पहले डायलिसिस के लिए रायपुर जाना पड़ता था, जो काफी खर्चीला और परेशानी भरा होता था अब पास में ही सुविधा मिल जाती है। उन्हे हफ्ते में 02 से 03 बार डायलिसिस के लिए लाता हूं। 

ग्राम नवागांव तेन्दुकोना के 58 वर्षीय रोहित सिन्हा ने बताया कि लगभग 02 वर्ष रायपुर में जांच के बाद डायलिसिस के सलाह दी गई थी। कुछ समय वहां डायलिसिस के बाद में महासमुन्द के निजी अस्पताल पहुंचे जहां अत्यधिक रूपए व्यय करना पड़ता था परंतु जिला अस्पताल में मिल रही सुविधा से उन्हे राहत मिली है। वर्तमान में डायलिसिस यूनिट के इंचार्ज कृष्णा ठाकुर एवं केशव दिनकर दो टेक्नीशियन कार्यरत है साथ ही दो हाउस कीपिंग स्टॉफ भी रखा गया है, जो निरंतर सेवा दे रहे है। इस युनिट में डायलिसिस के साथ-साथ मरीज को विशेष प्रकार के खानपान के संबंध में भी शिक्षित किया जाता है।