रायपुर । छत्तीसगढ में झमाझम बारिश का दौर चल रहा है। सोमवार को दिन भर रुक-रुककर और पूरी रात लगातार बारिश हुई। तेज बरसात की वजह से प्रदेश की कई सड़के, तालाब, नाहर जलमग्न हो गई। वहीं, मोहल्ले, बस्तियों में पानी भराव की वजह से लोागों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
रायपुर मौसम विभाग ने बीजापुर, नाराणपुर, कांकेर, बालोद, धमतरी, गरियाबंद के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में आंधी-तूफान और गरज-चमक के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने महासमुंद, राजनांदगांव, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा के लिए ऑरेंज अलर्ट के साथ वेरी हैवी रेन की चेतावनी जारी की है। इन जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग ने बताया, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर स्थित गहन अवदाब क्षेत्र के प्रभाव में है। 9 सितंबर को दक्षिण व मध्य छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर बहुत भारी से अति भारी वर्षा कई इलाकों में हुई। 10 सितंबर (आज) को छत्तीसगढ़ में एक-दो स्थानों पर भारी वर्षा होने की संभावना है। 11 सितंबर से प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में गिरावट होने की संभावना है।
प्रदेश में मानसून की सक्रियता सामान्य से अधिक रही। प्रदेश में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गयी। 3 स्थानों पर अति भारी वर्षा, 13 स्थानों पर बहुत भारी वर्षा तथा 19 स्थानों पर भारी वर्षा दर्ज की गयी । सर्वाधिक वर्षा स्टेशन भैरमगढ़ (जिला बीजापुर) में 21 cm दर्ज की गयी। प्रदेश के बस्तर संभाग में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहे, बिलासपुर, रायपुर व सरगुजा संभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से उल्लेखनीय अधिक तथा शेष सभी संभागों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहे। प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 35.1°C AWS मुंगेली में तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.3°C AWS नारायणपुर में दर्ज किया गया ।
ऑरेंज अलर्ट
ऑरेंज अलर्ट-तैयार रहें, मौसम विभाग जब ऑरेंज अलर्ट जारी करता है, तो इसका मतलब होता है कि मौसम की मांग है कि अब आप और खराब मौसम के लिए तैयार हो जाएं। जब मौसम इस तरह की करवट लेता है, जिसका असर जनजीवन पर पड़ सकता है, तब ये अलर्ट जारी किया जाता है। खराब मौसम के लिए आपको अपनी यात्राओं, कामकाज या स्कूली बच्चों के लिए आवागमन के बारे में तैयारी रखने की ज़रूरत होती है।
रेड अलर्ट
रेड अलर्ट-एक्शन का वक्तहालांकि बेहद गंभीर स्थितियों में रेड अलर्ट जारी किया जाता है, इसलिए यह कम ही होता है। फिर भी, रेड अलर्ट का मतलब होता है कि जान माल की सुरक्षा का समय आ चुका है। अक्सर इस अलर्ट के बाद खतरे के ज़ोन में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाया जाता है। मौसम के मुताबिक सुरक्षा के इंतज़ाम किए जाते हैं, जैसे गर्मी के मौसम में अगर रेड अलर्ट जारी हो तो आपको घर से बाहर नहीं निकलने और ज़रूरी इंतज़ाम करने की हिदायत होती है। इसी तरह, बारिश के मौसम में अगर ये अलर्ट जारी हो तो इसका साफ संकेत होता है बाढ़, तूफान या नुकसानदेह बारिश की चेतावनी है इसलिए ज़रूरी इंतज़ाम करें। रेड अलर्ट के समय सामान्य जनजीवन के लिए खतरे को भांपते हुए अक्सर पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूल संचालन जैसे नियमित कामकाज बंद किए जा सकते हैं।