बेमेतरा । कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा द्वारा जिले में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस, 5 जून 2024 से भारत सरकार के श्एक पेड़ मां के नामश् अभियान का नियमित प्रचार-प्रसार बेमेतरा जिले के किसानों के बीच व स्कूलों में किया जा रहा है।
इसी कड़ी में कृषि विज्ञान केन्द्र, बेमेतरा में डॉ. एस.एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार सेवाएं. इंगांकृवि, रायपुर के मार्गदर्शन में केन्द्र के प्रमुख तोषण कुमार ठाकुर एवं डॉ. लव कुमार, डॉ. अखिलेश कुमार कुलमित्र, शिव कुमार सिन्हा तथा कार्यालय के अन्य कर्मचारियों द्वारा ’’एक पेड माँ के नाम’’ अभियान अंतर्गत 29 अगस्त 2024 को वृक्षारोपण कार्य किया गया। शासन की नरेगा अंतर्गत केवीके बेमेतरा की नर्सरी में तैयार किए गये फलदार एवं अन्य पौधे काजू, सीताफल, आंवला, अमरूद, बेल, गुलमोहर, नीम, आम, जामुन एवं कटहल इत्यादि को इस अभियान के अंतर्गत जिले के ग्राम पंचायतों, स्कूलों एवं किसानों को जून 2024 से अब तक कुल 6800 पौधे का वितरण किया जा चुका है। के नाम #Plant4Mother का शुभारंभ किया। वैश्विक अभियान के भाग के रूप में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जानकारी दी कि सितंबर, 2024 तक देश भर में 80 करोड़ पौधे लगाने और मार्च, 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 20 जून, 2024 को असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य में वृक्षारोपण कार्य शुरू किया जिसमें लोगों ने अपनी माताओं के सम्मान में पेड़ लगाए।
भारत सरकार की गरिमामयी उपस्थिति में एक पेड़ मां के नाम #Plant4Mother अभियान का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, मंत्रालय आईएआरआई परिसर में लगभग 1 एकड़ भूमि में ष्मातृ वनष् स्थापित करेगा, जहाँ कृषि मंत्री और मंत्रालय के अधिकारी/कर्मचारी उस दिन पौधे लगाएंगे। मातृ वन में लगभग 300 पौधे लगाए गये। साथ ही, देश भर में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, आईसीएआर संस्थानों, एसएयू, सीएयू और केवीकेएस के सभी अधीनस्थ कार्यालयों को अपने-अपने परिसर में पौधे लगाने की व्यवस्था करके कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सूचित किया गया था। एक पेड़ मां के नाम #Plant4Mother अभियान एक जन आंदोलन है और लोग पेड़ लगाकर अपनी माँ और धरती माँ के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए इसमें भाग ले रहे हैं। पेड़ लगाने से सरकार द्वारा शुरू किए गए मिशन लाइफ जो पर्यावरण के प्रति जागरूक जीवन शैली का एक जन आंदोलन है, के उद्देश्य की पूर्ति भी होती है। सुधार करके और जैव विविधता को बढ़ाकर कृषि उत्पादकता में सुधार करने में मदद करते हैं। पेड़ किसानों को लकड़ी और गैर-लकड़ी उत्पादों से अतिरिक्त आय का स्रोत भी प्रदान करते हैं। इस अभियान में भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण को रोकने और भूमि को हरा-भरा करने की अपार क्षमता है।