बेमेतरा । छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला बेमेतरा कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 273 वी. सुनवाई हुई। बेमेतरा जिले में कुल दूसरी जनसुनवाई हुई। आज के सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने दोनों अनावेदिकागणों के खिलाफ लिखित शिकायत अपने विभाग में किया था। जिसमें आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया गया था। समिति ने लैंगिक उत्पीड़न का मामला नहीं होने के कारण केवल चेतावनी दिया था। उसके बाद अगस्त 2023 में आवेदिका ने अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया था। आयोग में सुनवाई में उपस्थित महिला संरक्षण अधिकारी ने बताया कि वह अध्यक्ष था और उनके द्वारा रिपोर्ट और अनावेदकगणों को चेतावनी दिया गया। बाद विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा आवेदिका को परेशान किया गया। आवेदिका अगर उन व्यक्तियों का नाम और पता देती है तो आयोग अगली सुनवाई रायपुर में करेगी। अन्य प्रकरण में दोनों पक्षों को सुना गया। प्रकरण आपसी जमीन का मामला था जिसमें पूर्व में तहसील और न्यायालय में मामला चल चुका है। अतः प्रकरण आयोग में चलना संभव नहीं था इसलिए प्रकरण समाप्त किया गया। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसकी 15 साल की बेटी गुम हो गई थी इस वजह से आयोग में प्रकरण दर्ज कराई थी। आवेदिका ने बताया कि एक वर्ष पूर्व उसकी बेटी उन्हे मिल चुकी है। इस प्रकरण में थाना बेमेतरा ने अनावेदक के खिलाफ 363/366/(376)2 (र्) (छ) और पास्को एक्ट तथा एट्रोसिटी एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया था जिसका निराकरण 25 नवम्बर 2023 को न्यायालय द्वारा किया गया जिसमें अनवादेक को न्यायालय ने दोषमुक्त किया। निर्णय की प्रमाणित प्रति आज सुनवाई में अनावेदन लेकर उपस्थित हुआ जिसका अवलोकन कर आयोग ने न्यायालय में निर्णय हो जाने की वजह से आयोग में प्रकरण चलाया जाना संभव नहीं मानते हुए प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।
अन्य प्रकरण में आवेदिका जो शासकीय सेवा में कार्यरत है उसने अनावेदक क्रमांक 1 जो कि अनावेदक क्रमांक 3 के पति है जून 2019 में नोटरी दस्तावेज के माध्यम से विवाह करना एवं मंदिर में विवाह करना बताई अनावेदक 1 एवं 3 पति पत्नी है एवं अनावेदक 4.5 उनके संतान है उनके नाम की कृषि भूमि को अप्रैल 2019 में रजिस्ट्री के माध्यम से खरीद लिया और उसके दो माह बाद अनावेदक क्रमांक 1 से विवाह किया। स्वमेव यह प्रकरण आवेदिका के कुचेष्ठा को दर्शाता है। प्रकरण काफी पेचीदा है और अंतिम निर्णय के लिए आगामी सुनवाई के लिए रायपुर में रखा जायेगा। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसका पति जनपद के अधीन शाला में सहायक शिक्षक के पद पर कार्यरत थे जिसका सेवा के दौरान मृत्यु हो गया। आवेदिका को उनकी जगह अनुकंपा मिल सकती है। जिनके लिए आवेदिका को डी.एड, टेट परीक्षा पास करना होगा। आवेदिका ने बताया कि वह वह डी.एड. पास कर ली है एवं टेट की परीक्षा दिलाने की तैयारी कर रही है। आयोग ने आवेदिका को समझाईश दी कि परीक्षा पास करने के बाद परीक्षा पास करने के बाद अनुकम्पा दिया जा सकेगा। आवेदिका ने सहमति जताई और अनावेदकगणों ने भी मदद करने की बात कही। इस प्रकरण में जिला एवं जनपद के सी. ई.ओ. को भी जोड़ा गया ताकि आवेदिका को अनुकम्पा नियुक्ति दिया जा सके। अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकगणों से समझौता हो गया है तथा आगे प्रकरण नहीं चलाना चाहती अतः आयोग ने प्रकरण समाप्त किया। अन्य प्रकरण में दोनों एक ही डिपार्टमेंट में कार्यरत थे आवेदिका ने डिपार्टमेंटल नोटिस को लेकर यह प्रकरण दर्ज की थी। वर्तमान में कार्यवाही नहीं चाहती। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया।अन्य प्रकरण आवेदिका की शिकायत पर धारा 452/354/294/506 का अपराध दर्ज है और प्रकरण सी.जी.एम. कोर्ट में लंबित है। जिसमें अनावेदक जमानत पर है। जिसमे जिला संरक्षण अधिकारी ने भी अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है। इस आधार पर आयोग ने प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित हुए। दोनों का पारिवारिक प्रकरण है जिसका निराकरण सखी सेन्टर बेमेतरा में संरक्षण अधिकारी को दिया जाता है। आवश्यकतानुसार आवेदिका का प्रकरण में घरेलू हिंसा का शिकायत दर्ज करायेगी। प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरण में अनावेदकगणों के विरूद्ध सामाजिक बहिस्कार का शिकायत किया है। इसी समान एक अन्य प्रकरण में अनावेदकगण यही है। उस प्रकरण कि आवेदिका जो वही गांव की है जिनके परिवार का भी सामाजिक बहिस्कार इन्ही अनावेदकगणों द्वारा किया गया है। दोनों ही प्रकरण में आयोग की ओर से अधिवक्ता एवं काउंसलर ग्राम नरी जायेंगे। साथ में संरक्षण अधिकारी स्थानीय थाने से पुलिस बल लेकर जायेगी। सभी अनावेदक गण गांव में साहू समाज के लोगों को एकत्र करेंगे जिसके सामने अनावेदकगण के द्वारा घोषणा किया जाएगा कि दोनों आवेदकों को सामाजिक बहिष्कार नहीं किया गया। दिनांक 15 अक्टूबर को इसकी घोषणा सामाजिक रूप से किया जायेगा। यदि अनावेदकगण ऐसा घोषणा नहीं करता है तो थाना चन्दनू में अनावदेकगण के खिलाफ एफ.आर.आई. दर्ज कराया जायेगा। इस हेतु दोनों पक्ष की ओर से एक-एक व्यक्ति को महिला आयोग रायपुर में आकर सारी प्रक्रिया कार्यवाही करना होगा। अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित दोनों पक्ष के मध्य न्यायालय से भरण-पोषण का प्रकरण निराकृत हो चुका है ऐसे में प्रकरण पर महिला आयोग में सुना जाना संभव नहीं है। प्रकरण नस्तीबद्ध किया गया। अगर आवेदिका चाहती है तो महिला आयोग के वकील से अपना प्रकरण में कार्यवाही करा सकती है। अन्य प्रकरण में उभयपक्ष उपस्थित आवेदिका की पुत्री जलवन्तिन का मानसिक रोग का इलाज चल रहा है। अनावेदक क्रमांक 01 आवेदिका का दामाद है और वह अपनी बच्ची व पत्नी को साथ में रखना चाहता है। उभयपक्ष को सुनने के पश्चात शेष सभी अनावेदक के खिलाफ शिकायत समाप्त किया गया। दिनांक 09 सितंबर 2024 को सखी सेंटर/जिला कार्यालय पहुंचेगा आवेदिका भी अपनी बेटी को लेकर पहुंचेंगे। अनावेदक 01 अपनी पत्नी व बच्ची को लेकर जायेगा। प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।