कलेक्टर करेंगे 10-12वीं परीक्षा परिणाम की समीक्षा, स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश…

छत्तीसगढ़ रायपुर

रायपुर । स्कूल शिक्षा विभाग ने कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा परिणामों की समीक्षा करने के लिए एक महत्वपूर्ण नोटिफिकेशन जारी किया है। इस निर्देश में सभी जिलों के कलेक्टर्स को उनके जिलों के सरकारी विद्यालयों के परीक्षा परिणामों का विश्लेषण करने की सलाह दी गई है।

उल्लेखनीय है कि, इस साल बोर्ड परीक्षा में ज्यादातर स्कूलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, लेकिन कुछ स्कूलों के परिणाम निराशाजनक रहे हैं। इसे देखते हुए विभाग ने परीक्षा परिणामों की एक सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराई है। इस कापी में उन विद्यालयों को प्राथमिकता दी गई है, जिनके अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा है। यह कदम अगले शिक्षा सत्र में सुध्धरों के लिए उठाया गया है।

समीक्षा की प्रक्रिया के अंतर्गत, कलेक्टरों को निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं:

परीक्षा परिणामों की विद्यालयवार, विषयवार, और शिक्षकवार समीक्षा की जाए।
परिणामों की समीक्षा के लिए विद्यालयों को चार श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाए: 30 प्रतिशत से कम, 30 प्रतिशत से अधिक लेकिन 60 प्रतिशत से कम, 60 प्रतिशत से अधिक लेकिन 90 प्रतिशत से कम, और 90 प्रतिशत से अधिक।
30 प्रतिशत से कम परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाए। समाधान के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, और यदि समाधान संभव नहीं हो, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही के प्रस्ताव राज्य शासन को भेजे जाएं।
30 से 60 प्रतिशत परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों से कारण पूछकर सुधार के प्रयास किए जाएं।
मेरिट लिस्ट में आने वाले विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर भी समीक्षा की जाए और अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाए।
अच्छे प्रदर्शन करने वाले प्राचार्यों और शिक्षकों को प्रमुख अवसरों पर सम्मानित किया जाए।
90 प्रतिशत से अधिक परिणाम वाले विद्यालयों की बेस्ट प्रेक्टिसेस को अन्य विद्यालयों के साथ साझा किया जाए।
प्राचार्यों और शिक्षकों के लिए मोटिवेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया जाए और कम परिणाम वाले विद्यार्थियों के लिए विशेष शिक्षक-पालक बैठकें आयोजित की जाएं।

शिक्षा विभाग के सचिव, सिद्धार्थ कॉमल सिंह परदेशी ने विश्वास जताया है कि इस समीक्षा से परीक्षा परिणामों में सुधार होगा और शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।