नई दिल्ली । सावन के चौथे सोमवार पर काशी विश्वनाथ धाम में भोले भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। आधी रात के बाद से ही गंगा स्नान के बाद कतारबद्ध होकर भक्तों ने बाबा दरबार में मत्था टेका। इस दौरान गोदौलिया से लेकर दशाश्वमेध घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर हर-हर महादेव व हर- हर गंगे के उद्घोष से गूंजता रहा।
सावन के चौथे सोमवार को श्री काशी विश्वनाथ का रुद्राक्ष शृंगार किया गया। शृंगार के बाद बाबा के रुद्राक्ष को शिवभक्तों में वितरित किया जा रहा है। मंदिर प्रशासन की ओर से शिवभक्तों का रेड कार्पेट पर फूल बरसाकर स्वागत किया गया। रविवार को आधी रात के बाद से ही शिवभक्तों की कतार मंदिर में लग गई थी।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास ने सावन के चौथे सोमवार को दर्शन पूजन और शृंगार की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बाबा विश्वनाथ की शयन आरती के पहले से ही शिवभक्त और कांवड़िये बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगे थे। मध्य रात्रि के बाद एक कतार गोदौलिया से आगे निकल चुकी थी और दूसरी ओर की कतार तो चौक थाने से।
वहीं मदनपुरा और गिरजाघर की बैरिकेडिंग में श्रद्धालु एक-एक करके कतारबद्ध हो रहे थे। पिछले सोमवार को तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रीकाशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग का दर्शन किया था।
पहले सोमवार को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा स्वरूप, दूसरे सोमवार को गौरी शंकर (शंकर-पार्वती) स्वरूप, तीसरे सोमवार को अर्द्धनारीश्वर स्वरूप में शृंगार किया गया था। श्रावण के पांचवें व अंतिम सोमवार 19 अगस्त को बाबा विश्वनाथ का झूला शृंगार किया जाएगा।
सोमवार को महादेव की नगरी काशी के सभी शिवालयों में बाबा को दुग्धाभिषेक करने और जलधार चढ़ाने के लिए भक्तों की भीड़ रही। बाबा विश्वनाथ के मंदिर के अलावा अन्य शिवालयों में भी कांवड़ियों का जत्था और भक्तों का हुजूम नजर आया।