कुंआ में कचरा प्रबंधन से जैविक खाद बनाने में समूह की दीदियां निभा रही अहम भूमिका

छत्तीसगढ़ बिलासपुर

बिलासपुर । मनरेगा योजना के तहत तखतपुर ब्लॉक के ग्राम कुंआ में समूह की महिलाएं कचरा प्रबंधन कर अपने आस-पास के क्षेत्रों को  स्वच्छ रखने का कार्य रही है। यहां महिलाएं स्वच्छता के साथ स्वावलंबन का भी संदेश दे रही है। कचरा प्रबंधन से जैविक खाद बनाने में समूह की दीदियां अहम भूमिका निभा रही है। शासन की ओर से दिए जाने वाले सहयोग से समूह की महिलाओं के जीवन में आर्थिक सुधार आया है और वे अपने परिवार की जिम्मेदारियों में बखूबी अपना योगदान दे रही हैं।

 सरस्वती समूह की दीदियों  ने बताया कि गांव में मनरेगा के तहत एसएचजी शेड निर्माण किया गया है। इन कार्यों के लिए मनरेगा अंतर्गत लगभग 2.20 लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई थी। शेड के माध्यम ठोस व तरल अपशिष्ट के रूप में निकलने वाले कचरे का प्रबंधन किया जा रहा है। सरस्वती स्व सहायता समूह की महिलाएं अपने तिपहिया वाहन में घर-घर घूमकर कचरा एकत्र कर शेड के स्थान पर ला कर रखती है ताकि भविष्य में  इन कचरों का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जा सके। ग्रामीण बताते हैं कि शेड निर्माण कार्य से अस्वच्छता संबंधी समस्याओं का निदान हुआ है। गांव में अब स्वच्छता का माहौल बना रहता है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन का कार्य प्रतिदिन किया जा रहा है। जिसमें प्रत्येक परिवार को डस्टबीन दी गई एवं तिपहिया वाहन खरीदे गए है। जिसके माध्यम से कचरा का प्रबंधन किया जा रहा है। फैले होने से गंदगी का वातावरण रहता था और बीमारियों का खतरा बना रहता था। ठोस एवं तरल कचरा खुले में इधर-उधर पड़ा रहता था। लेकिन अब कचरे का सही प्रबंधन हुआ है। सरकार की योजना से स्व सहायता समूहों को रोजगार एवं आजीविका का जरिया मिला है, जिससे उनके जीवन में आर्थिक स्थिति में सुधार हो पाया है।