सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम ने एक बार फिर भारत की तारीफ की। उन्होंने गुरुवार को कहा कि प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में औद्योगिक नीतियों के पुनरुत्थान के बावजूद, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया अवसर, समानता और स्थिरता का एक नया युग बनाने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।
बहुपक्षवाद को मजबूत करने की क्षमता
इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) की 20वीं वषर्गांठ पर आयोजित रात्रिभोज में शनमुगरत्नम ने कहा कि अन्य जिम्मेदार मध्य शक्तियों के साथ काम करते हुए दोनों क्षेत्रों में बहुपक्षवाद को मजबूत करने की क्षमता है और अपनी खामियों के बावजूद यह एक ऐसी व्यवस्था रही है, जिसने दशकों से अमीर और गरीब दोनों देशों की अच्छी तरह से सेवा की है।
सिंगापुर-भारत संबंध आगे बढ़ते रहेंगे
थर्मन ने यह भी उम्मीद जताई कि सिंगापुर-भारत संबंध आगे बढ़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि घरेलू स्तर पर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कर और सब्सिडी जैसी औद्योगिक नीतियां उस दर पर वापस लौट रही हैं, जिन्हें 1960 और 1970 के दशक के बाद से नहीं देखा गया था। हालांकि, तब ये काफी हद तक विफल रही थीं।