Big Breaking : पंचायत सचिव सहित चार गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ राजनांदगांव

राजनांदगांव।
छत्‍तीसगढ़ के मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में पुलिस ने चार नक्सल सहयोगियों को गिरफ्तार किया है। नक्सलियों का ट्रैक्टर भी बरामद किया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए नक्सल सहयोगियों में मानपुर के पंचायत सचिव व ठेकेदार भी शामिल है। राजनांदगांव आइजी दीपक झा, पुलिस अधीक्षक वायपी सिंह ने मामले का राजफाश किया।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपितों में ग्रामीण अरविंद तुलावी, ठेकेदार रामकिशन यादव, पंचायत सचिव महेश मेश्राम, अरुण एग्रीकल्चर ट्रैक्टर कंपनी के सेल्समैन सुशील साहू शामिल हैं। अरविंद दस साल से नक्सलियों के लिए काम कर रहा था। वह नक्सलियों का ट्रैक्टर किराए से चलवाकर उससे मिली राशि से नक्सलियों को दैनिक जरूरत की सामग्री भेजता था।


ट्रैक्टर खरीदने के लिए साढ़े सात लाख की राशि ठेकेदार रामकिशन यादव ने दी थी। ठेकेदार के रोड निर्माण में लगे वाहनों को वर्ष 2014 में नक्सलियों ने जला दिया था। ठेकेदार ने नक्सलियों से सुलह के लिए अरविंद के सहारे मुलाकात की थी। मानपुर पंचायत सचिव महेश ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए। ट्रैक्टर से नक्सली माड में खेती कर रहे थे।
पुलिस ने नक्सलियों का ट्रैक्टर, पत्र, हिसाब- किताब की नोटबुक, बैंक पासबुक, दस्तावेज, पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड, दस जोड़ी जूते व 8,750 रुपये नकद जब्त किये हैं। उल्लेखनीय है कि दंतेवाड़ा जिले में जून, 2020 में भाजपा की जिला इकाई के उपाध्यक्ष रहे जगत पुजारी और रमेश उसेंडी को गिरफ्तार किया गया था। दोनों पर नक्सलियों को ट्रैक्टर दिलाने का आरोप था।
सहयोगी कारेकट्टा निवासी अरविंद तुलावी पिछले दस वर्षों से नक्सलियों के लिए काम करते आ रहा है। मदनवाड़ा पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि अरविंद ने ग्राम गट्टामेटा केकेडेहुर में ट्रैक्टर को छुपाकर रखा है। पुलिस ने संदेह के आधार पर अरविंद को हिरासत में लेकर पूछताछ की। जिसके बाद पूरे मामले का राजफाश हुआ।
अरविंद का नक्सली कमांडर बेलदेव उर्फ अशोक रेड्डी, विजय रेड्डी उर्फ शंकर, लोकेश सलामे उर्फ हरसिंग से पहचान थी, वो ठेकेदारों की नक्सलियों से मुलाकात कराता था। नक्सलियों का सामान छोड़ने अरविंद कई बार कांकेर मेसपी, वट्टेकल, कलपर, हापाटोला व अन्य गांव तक गया था। अरविंद के माध्यम से ही ठेकेदार रामकिशन यादव ने नक्सलियों से मुलाकात की थी।
राजनांदगांव में रहने वाले ठेकेदार रामकिशन यादव रोड निर्माण का ठेका चलाता है। वर्ष 2014 में नक्सलियों ने रोड निर्माण में लगे उसके वाहनों का जला दिया था। जिससे बचने के लिए रामकिशन ने अरविंद और पंचायत सचिव महेश मेश्राम की मदद से नक्सलियों से मुलाकात की।इसके बदले में उसने नक्सलियों के लिए ट्रैक्टर खरीदने साढ़े सात लाख रुपये दिए। मानपुर पंचायत सचिव महेश ने फर्जी दस्तावेज तैयार किया, जिसके माध्यम से राजनांदगांव स्थित अरुण एग्रीकल्चर कंपनी के सेल्समैन सुशील साहू से ट्रैक्टर खरीदी।
साढ़े सात लाख रुपये में सेल्समैन सुशील ने छह लाख अपने खाते में जमा किए और डेढ़ लाख कंपनी के खाते में जमा कराया था। सहयोगी अरविंद ने ट्रैक्टर को नक्सलियों के पास छोड़ा था, जिससे नक्सली माड में खेती कर रहे थे। बाद में नक्सलियों ने अरविंद को बुलाकर ट्रैक्टर को किराये में चलाने के लिए दे दिया। अरविंद ट्रैक्टर को किराये पर चलाकर उसकी राशि से नक्सलियों को दैनिक जरूरत की सामग्री भेजता था।